भारत में ऐतिहासिक महलों की बहुत लंबी सूची है। इस खबर में हम आपको भारत के एक ऐसे महल के बारे में बताएंगे जिसको राजा ने अपनी रानियों के नहाने के लिए बनाया है। यह महल राजस्थान के जयपुर में स्थित है।
बता दें कि यह महल झील 300 एकड़ क्षेत्र में फैला हैं और 4 मीटर गहरा है। झील के बीच में बने जल महल के अंदर जाने की किसी को भी परमिशन नहीं है। आप सिर्फ बाहर से इस महल को देख सकते हैं।
जयपुर का जल महल अपने आप में अनोखा है। 5 मंजिला महल की चार मंजिलें पानी के अंदर है। यह चार मंजिल किसी को दिखते भी नहीं है। ऐसे में बाहर से देखने पर बस महल की सिर्फ एक ऊपरी मंजिल ही नजर आती है। 222 सालों से पानी में डूबे रहने के बाद भी महल को अब तक कोई नुकसान नहीं हुआ। झील के बीच तैरता ये महल सालों से जैसे पहले था वैसे ही अब भी है। भारत का ऐतिहासित विरासत ‘जल महल’, जयपुर की शान है। जयपुर-आमेर मार्ग पर मानसागर झील के बीचों-बीच बना ये महल सालों से पानी के बीच खड़ा है। देखने पर लगता है कि वो पानी के बीच तैर रहा है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जलमहल का निर्माण सवाई जयसिंह ने 1799 ईस्वी में करवाया था। महल को बनाने से पहले जयसिंह ने जयपुर की जलापूर्ति हेतु गर्भावती नदी पर बांध बनवाकर मानसागर झील बनाया था। राजा अपनी रानी के साथ खास वक्त बिताना चाहते थे,इसलिए उन्होंने झील के बीचों-बीच इस महल का बनाया। वहीं जयपुर के ट्रैवल राइटर लियाकत अली भट्टी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि रानियों के साथ नहाने के लिए महाराजा ने जल महल बनाया, जहां रानियां अपने वस्त्रों को बदला करती थी।
राजा अक्सर नाव में बैठ कर झील की सैर किया करते थे। राजा सवाई जयसिंह ने झील के बीचों-बीच महल ताकि अश्वमेघ यज्ञ के बाद वो अपनी रानी के साथ झील में शाही स्नान कर सके। सिर्फ एक मंजिल ही पानी के ऊपर नजर आता है। जिसकी वजह से इस महल में गर्मी नहीं लगती।
पानी के अंदर बने इस महल के लिए आप इसे इंजीनियरिंग का कमाल कहे या चमत्कार पर पानी के अंदर इस महल की नींव कैसे रखी गई, इसका जवाब किसी के पास नहींहै। लाल बलुआ पत्थर से बना ये महल आज भी उसी शान से खड़ा है । जल महल के सबसे ऊपरी तल पर नर्सरी हैं,जिसमें एक लाख से भी ज्यादा पेड़ लगे हुए हैं। इन पेड़ों की देखरेख के लिए 40 माली लगे हुए हैं। यह नर्सरी राजस्थान का सबसे उंचे पेड़ों वाला नर्सरी है।
