भारतीय वायुसेना अब और ज्यादा ताकतवर होने जा रही है। देश जल्द ही अपने राफेल फाइटर विमानों के लिए मेटियोर एयर टू एयर मिसाइल खरीदने वाला है। माना जा रहा है कि इस मिसाइल के आने से भारत की हवाई ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। यह सौदा करीब डेढ़ हजार करोड़ रुपये का बताया जा रहा है और जल्द ही इसे मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
मेटियोर मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत उसकी रेंज और सटीकता है। यह दुश्मन के विमान, ड्रोन या मिसाइल को दो सौ किलोमीटर दूर से ही गिरा सकती है। यानी दुश्मन को पता भी नहीं चलेगा और उसका विमान हवा में तबाह हो जाएगा। इसमें रामजेट इंजन तकनीक का इस्तेमाल हुआ है, जो इसे लगातार सुपरसोनिक स्पीड पर उड़ने की ताकत देता है। यह मिसाइल करीब पांच हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकती है।
इस मिसाइल में एक बेहद एडवांस्ड एक्टिव रडार सीकर लगा है, जो दुश्मन के विमान को लॉक कर तब तक पीछा करता है जब तक उसे खत्म न कर दे। मेटियोर का सबसे डरावना पहलू उसका ‘नो एस्केप जोन’ है। इसका मतलब है कि एक बार अगर यह मिसाइल किसी विमान को निशाना बना ले, तो बच निकलने की कोई संभावना नहीं रहती।
मेटियोर की एक और खासियत यह है कि यह नेटवर्क बेस्ड सिस्टम पर काम करती है। यह दूसरे फाइटर जेट्स और ग्राउंड कंट्रोल सेंटर से रीयल टाइम डेटा लेकर अपने लक्ष्य को और ज्यादा सटीकता से भेद सकती है। यानी यह अकेली मिसाइल नहीं, बल्कि एक टीम प्लेयर की तरह काम करती है।
राफेल और मेटियोर की जोड़ी को ‘डेडली कॉम्बो’ कहा जा रहा है। राफेल का रडार 400 किलोमीटर दूर तक टार्गेट पकड़ सकता है और मेटियोर उस टार्गेट को 200 किलोमीटर की दूरी से तबाह कर सकती है। इससे पहले कि दुश्मन भारत के फाइटर जेट्स को देख भी पाए, उसका विमान हवा में धुएं में बदल जाएगा। एक वायुसेना अधिकारी के मुताबिक, “मेटियोर हमारे लिए गेमचेंजर साबित होगी।”
पाकिस्तान और चीन दोनों के लिए यह मिसाइल सिरदर्द साबित हो सकती है। पाकिस्तान के पास फिलहाल चीन से मिली PL-15 मिसाइलें हैं, लेकिन उनकी सटीकता और रेंज मेटियोर के मुकाबले काफी कम है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर भारत के पास मेटियोर होगी, तो हवाई लड़ाई में पाकिस्तान और चीन दोनों को दूर से ही मात मिल जाएगी।
भारत अब केवल विदेशी तकनीक पर निर्भर नहीं है। डीआरडीओ (DRDO) ने अपनी स्वदेशी बीवीआर मिसाइल अस्त्र मार्क-2 भी तैयार कर ली है। वायुसेना आने वाले समय में लगभग 700 अस्त्र मार्क-2 मिसाइलें खरीदने की योजना बना रही है। यानी भविष्य में भारत के पास विदेशी और घरेलू दोनों तरह की हवाई ताकतें होंगी।
कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि मेटियोर जैसी मिसाइलें युद्ध के समीकरण बदल देंगी। दुश्मन चाहे सीमा के अंदर हो या बाहर, उसे मार गिराना अब पहले से कहीं आसान हो जाएगा। भारत की हवाई सीमाएं अब पहले से ज्यादा सुरक्षित होंगी और किसी भी दुश्मन को हवा में चुनौती देना लगभग नामुमकिन हो जाएगा।
