महाराजगंज जनपद के धानी ब्लॉक स्थित मझगवां गांव का एक 12 वर्षीय बालक हर जगह चर्चा का विषय बना हुआ है। ग्रामीणों ने उसे आठवां अजूबा कहा है और इसके पीछे की वजह भी हैरान करने वाली है।
बताया जा रहा है कि इस बालक के जन्म से ही दोनों कान नहीं है कानों का कोई नामोनिशान नहीं है ना भारी संरचना और ना ही कोई सुराख। इसके बावजूद वह साफ़-साफ़ सुनता है और लोगों की बातें समझता है, जैसे कोई सामान्य बच्चा हो।
हैरानी की बात यह भी है कि उसके दिल में जन्म से ही तीन छेद हैं और दिल का वॉल्व भी सिकुड़ा हुआ था। महज़ नौ महीने की उम्र में उसकी ओपन हार्ट सर्जरी हुई थी। जो कि उस वक़्त में एक नामुमकिन कार्य था क्योंकि इतनी छोटी सी उम्र में ओपन हार्ट सर्जरी का सफल होना मात्र .1% ही मुमकिन हुआ करता था।
परिवार वालों का कहना है कि कठिन परिस्थितियों के बावजूद वह अपना सारा काम खुद करता है और पढ़ाई में भी बहुत होशियार है। वह इस वक्त सीबीएसई बोर्ड से पढ़ाई कर रहा है और उसका दिमाग कंप्यूटर की तरह है।
गांव वालों ने कहा कि उसकी शारीरिक बाधाओ के बावजूद बच्चा सामान्य जीवन जी रहा है। यह किसी चमत्कार से कम नहीं
उनका मानना है कि यह बच्चा विज्ञान की सोच और ईश्वर की शक्ति दोनों का अनूठा संगम है।
अब यह बालक न केवल अपने गांव, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणा बन चुका है। उसकी कहानी बताती है कि हौसला और प्रतिभा किसी भी चुनौती से बड़ी होती है।
