उत्तराखंड में पहाड़ी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने समेत तीन सूत्रीय मांगों को लेकर राष्ट्र नीति संगठन का धरना 12वें दिन भी जारी, मुख्यमंत्री को सौंपा गया 1000 लोगों का हस्ताक्षरित ज्ञापन

अल्मोड़ा: राष्ट्र नीति संगठन के तत्वाधान में गांधी पार्क में एडवोकेट विनोद तिवारी के नेतृत्व में चल रहा आंदोलन आज 12वें दिन भी पूरी दृढ़ता…

The protest of Rashtra Niti Sangathan continues for the 12th day over three-point demands including granting of Scheduled Tribe status to the hill community in Uttarakhand

अल्मोड़ा: राष्ट्र नीति संगठन के तत्वाधान में गांधी पार्क में एडवोकेट विनोद तिवारी के नेतृत्व में चल रहा आंदोलन आज 12वें दिन भी पूरी दृढ़ता के साथ जारी रहा। आंदोलनकारियों ने उत्तराखंड सरकार से अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर लगातार दबाव बनाए रखा है।

आज आंदोलन के तहत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से मुलाकात करने के लिए समय निर्धारित किया गया, जहां संगठन ने मुख्यमंत्री को 1000 से अधिक लोगों के हस्ताक्षर वाला ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री से मांग की गई कि आंदोलनकारियों की मांगों पर शीघ्र सकारात्मक कार्रवाई की जाए।

गौरतलब है कि इससे एक दिन पूर्व आंदोलनकारियों ने भारत के प्रधानमंत्री को भी 1000 लोगों के हस्ताक्षर के साथ एक ज्ञापन भेजा था, जिसमें तीन प्रमुख मांगों को जल्द पूरा करने की अपील की गई थी।

आंदोलनकारी तीन मुख्य मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं —

उत्तराखंड के पहाड़ी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा प्रदान किया जाए।

ग्राम पंचायत खूंट, धामस, सेनार, रौन, डाल, चाण क्षेत्रों में कोसी नदी पर पुल का निर्माण कराया जाए तथा सड़क मार्गों का डामरीकरण किया जाए।

जीआईसी खूंट विद्यालय में पीने के पानी की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।

धरना स्थल पर मौजूद आंदोलनकारियों ने कहा कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे।

आज धरने के दौरान नंदन सिंह बिष्ट, दीपक आर्य, गोविंद प्रसाद, सुशील शाह, पुरन सिंह बोरा, देवेंद्र मेहता, वैभव पांडे समेत कई अन्य कार्यकर्ता भी आंदोलन को मजबूती देने के लिए उपस्थित रहे।