दिल्ली। देश की सर्वोच्च अदालत ने एक अहम फैसला देते हुए लगभग 3 वर्ष पूर्व हरियाणा के पानीपत जिले के ग्राम पंचायत बूआना लखू में हुए सरपंच के चुनाव के परिणाम को बदल दिया है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में ईवीएम की दोबारा गिनती के बाद हारा हुआ प्रत्याशी 51 वोटों से विजयी घोषित किया गया। यह अपने तरह का देश का पहला मामला बताया जा रहा है।
बताते चलें कि 2 नवंबर 2022 को हुए ग्राम पंचायत चुनाव में एक अधिकारी की गलती से कुछ घंटे के लिए बुआना लाखू के दो सरपंच बन गए थे। पहले कुलदीप को सरपंच बनने का प्रमाणपत्र दिया गया था, लेकिन दोबारा मतगणना में मोहित को सरपंच घोषित कर दिया गया था। अब ईवीएम की दोबारा गिनती में पुनः मोहित 51 वोटों से विजयी घोषित हुए हैं।
बता दें कि यह मामला भारत में चुनावी प्रक्रिया और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों EVM की पारदर्शिता को लेकर बहस को और तेज कर सकता है। यह मामला इस लिए भी विशेष है क्योंकि अदालत ने खुद EVMs को मंगवाकर पुनर्गणना की और आधिकारिक रूप से अलग परिणाम घोषित किया। यह मामला अब देश के न्यायिक इतिहास में एक मिसाल बन गया है।
जानकारी के अनुसार इससे पूर्व पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने मतगणना की दोबारा गिनती कराने से इनकार कर दिया था, जिसके खिलाफ याची सुप्रीम कोर्ट पहुंचा।
