पैराग्लाइडर उड़ता गया और बादलों में कहीं खो गया, माइनस 40 डिग्री की जानलेवा ठंड में भी मौत को मात देकर लौट आया, देखें वीडियो

चीन के चिलियन पहाड़ों में 24 मई को एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई। पेंग यूजियांग नाम का एक शख्स जब हवा में…

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चीन के चिलियन पहाड़ों में 24 मई को एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई। पेंग यूजियांग नाम का एक शख्स जब हवा में उड़ान भर रहा था तो अचानक एक तेज़ घुमावदार बादल की पकड़ में आ गया। हवा उसे सीधा बाईस हजार दो सौ फीट की ऊंचाई तक ले गई जो सागरमाथा यानी दुनिया की सबसे ऊंची चोटी के करीब मानी जाती है। ये कोई साधारण उड़ान नहीं थी क्योंकि इतनी ऊंचाई पर सांस लेना मुश्किल हो जाता है। पेंग के पास न तो सांस लेने वाला कोई सिलेंडर था और न ही कोई सुरक्षा से जुड़ा सामान। इसके बावजूद उन्होंने खुद को संभाले रखा।ऊंचाई बढ़ते ही तापमान शून्य से चालीस डिग्री नीचे चला गया। बर्फीली हवाएं लगातार शरीर को चीरने जैसी लग रही थीं। पेंग ने बताया कि उनके हाथ इतने ठंडे हो गए थे कि उड़ान के लिए जरूरी कपड़े पर पकड़ तक नहीं बना पा रहे थे। शरीर सुन्न होने लगा था और ऊपर ऑक्सीजन भी बेहद कम थी। फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और पूरे बहत्तर मिनट तक हवा में रहते हुए हर पल को अपने कैमरे में दर्ज किया।पेंग का कहना है कि वहां ऊपर सब कुछ सफेद ही सफेद दिख रहा था। ऐसा लग रहा था जैसे चारों ओर कुछ भी नहीं है। अगर उनके पास दिशा दिखाने वाला यंत्र न होता तो उन्हें समझ ही नहीं आता कि वह किस ओर जा रहे हैं। उन्हें लग रहा था कि वे सीधे उड़ रहे हैं लेकिन असल में वे गोल गोल घूम रहे थे।

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वे बार बार नीचे आने की कोशिश करते रहे लेकिन तेज़ हवाएं उन्हें ऊपर ही उड़ाती जा रही थीं। इस बीच उनके चेहरे और हाथों की त्वचा इतनी ठंडी हो गई कि उस पर असर दिखने लगा। राहत की बात ये रही कि वे किसी तूफान की चपेट में नहीं आए।पेंग को हवा में उड़ान भरने का सिर्फ पांच साल का अनुभव है लेकिन इस खतरनाक स्थिति में उन्होंने जिस तरह खुद को संभाला वह पूरी दुनिया के लिए मिसाल बन गया। जब इस घटना की खबर फैली तो लोग दंग रह गए। चारों ओर उनकी बहादुरी की चर्चा होने लगी। हर कोई उन्हें सराहने लगा। इस हादसे के बाद लोगों में उड़ान भरने को लेकर दिलचस्पी भी काफी बढ़ गई।चौबीस मई की इस घटना के बाद सत्ताईस से उनतीस मई तक लोगों ने इंटरनेट पर उड़ान भरने से जुड़ी जानकारियों की तलाश तेज़ कर दी। हर कोई जानना चाहता था कि पेंग अब सुरक्षित हैं या नहीं। लेकिन इस कहानी का अंत यहां नहीं हुआ। नियमों की अनदेखी करने के चलते उन्हें छह महीने के लिए उड़ान भरने से रोक दिया गया। वजह ये रही कि उन्होंने उड़ान से पहले जरूरी जानकारी संबंधित विभाग को नहीं दी थी। उनके साथी ने भी बिना इजाज़त के पेंग का वीडियो साझा कर दिया जिसकी वजह से उसे भी सज़ा दी गई।

घटना की जांच करने वाली संस्था ने इसे हादसा मानते हुए भी नियम तोड़ने के चलते पेंग पर कार्रवाई की। कुछ लोग इस फैसले से नाराज़ हैं और कह रहे हैं कि किसी के निजी अनुभव को साझा करने पर सज़ा नहीं होनी चाहिए। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि ऐसे फैसलों से बिना सोचे समझे जोखिम उठाने वालों पर लगाम लगाई जा सकती है।पेंग ने बताया कि यह हादसा उन्हें भीतर तक हिला गया है और अब वह निकट भविष्य में दोबारा उड़ान भरने की योजना नहीं बना रहे। यह पूरी घटना इस बात को साफ दिखाती है कि रोमांच और खतरे के बीच बहुत बारीक फर्क होता है। पेंग की हिम्मत तारीफ के काबिल है लेकिन सुरक्षा नियमों का पालन करना भी उतना ही ज़रूरी है। यह घटना उन सभी के लिए सबक है जो रोमांच की चाह में जान तक दांव पर लगा देते हैं।