हाल ही में सोशल मीडिया और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया कि केंद्र सरकार समोसा, जलेबी और लड्डू जैसे पारंपरिक खाद्य पदार्थों पर स्वास्थ्य चेतावनी लगाने जा रही है। रिपोर्ट में कहा गया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने AIIMS नागपुर को निर्देश दिए हैं कि वो कैंपस कैफेटेरिया और आसपास की दुकानों पर चेतावनी बोर्ड लगवाए, जिनमें शुगर और फैट की मात्रा की जानकारी हो, ताकि लोग मोटापे और उससे जुड़ी बीमारियों के खतरों को समझ सकें।
मीडिया में यह भी बताया गया कि इस पहल का उद्देश्य भारत में तेजी से बढ़ते मोटापे और इससे जुड़ी बीमारियों जैसे डायबिटीज, हृदय रोग और हाई ब्लड प्रेशर को रोकना है। अनुमान जताया गया कि साल 2050 तक भारत में 44.9 करोड़ लोग मोटापे या ओवरवेट की समस्या से जूझ सकते हैं।
हालांकि इस पूरे मामले की सच्चाई सामने लाते हुए PIB फैक्ट चेक ने स्पष्ट किया है कि ये दावे पूरी तरह से फर्जी हैं। पीआईबी ने ट्वीट कर जानकारी दी कि स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से ऐसी कोई गाइडलाइन या एडवाइजरी जारी नहीं की गई है। मंत्रालय ने न तो AIIMS नागपुर को कोई निर्देश दिए हैं और न ही समोसे-जलेबी जैसी चीजों पर किसी चेतावनी बोर्ड की बात की है।
पीआईबी फैक्ट चेक ने साफ किया कि इन पारंपरिक भारतीय स्नैक्स के प्रति केंद्र सरकार ने किसी तरह का विशेष निर्देश या प्रतिबंध नहीं लगाया है और न ही ऐसे खाद्य उत्पादों पर कोई स्वास्थ्य चेतावनी लेबल अनिवार्य किया गया है।
इस तरह की भ्रामक खबरों से बचने और किसी भी सरकारी निर्णय की सटीक जानकारी के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट या प्रेस विज्ञप्तियों से ही पुष्टि करना जरूरी है।