साल 2025 का अंतिम सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को लगने जा रहा है। यह ग्रहण भारत में सीधे तौर पर प्रभावी नहीं होगा इसलिए इसका सूतक काल नहीं लगेगा और मंदिरों के कपाट बंद नहीं होंगे तथा नवरात्रि पूजा पर भी असर नहीं पड़ेगा। लेकिन ज्योतिषियों के अनुसार सूर्य ग्रहण का असर राशियों पर पड़ता है इसलिए ग्रहण काल में कुछ सावधानियां बरतना ज़रूरी होता है।
यह ग्रहण 21 सितंबर रविवार रात 10 बजकर 39 मिनट से शुरू होकर 22 सितंबर सुबह 3 बजकर 29 मिनट तक रहेगा।
ग्रहणकाल में क्या करें – भगवान का स्मरण करना, मंत्रों का जाप और ध्यान करना शुभ माना गया है। इससे तनाव कम होता है और भय समाप्त होता है। ग्रहण के बाद गंगा जल या स्वच्छ जल से स्नान करना और ब्राह्मणों को दान देना शुभ फल देता है। घर के खाने-पीने की चीजों में तुलसी पत्र डालना नकारात्मक प्रभाव कम करता है। गर्भवती महिलाएं इस समय शांति बनाए रखें और भारी काम व मसालेदार भोजन से बचें।
ग्रहणकाल में क्या न करें – इस दौरान भोजन, जल, दूध या अन्य खाने की चीजों का सेवन वर्जित है। सोना, आलस्य करना या शारीरिक संबंध बनाना अशुभ माना गया है। गर्भवती महिलाएं कैंची, चाकू, सुई या अन्य धारदार वस्तुओं का प्रयोग ना करें। मंदिर की मूर्तियों को छूना या पूजा करना निषेध है, मन से प्रभु का ध्यान करें।
Disclaimer: यह जानकारी किसी अंधविश्वास को बढ़ावा देने के लिए नहीं है। यह इंटरनेट पर उपलब्ध मान्यताओं और ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित है। इसे अपनाने से पहले किसी जानकार ज्योतिष या पंडित से सलाह लेना ज़रूरी है।
