देहरादून। उत्तराखंड में इस मॉनसून सीजन में हुई भारी बारिश से प्रदेश में व्यापक तबाही हुई है और स्थानीय लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इस स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की। बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश की सभी सड़कों को जल्द से जल्द गड्ढा मुक्त किया जाए ताकि आम जनता को बेहतर यातायात सुविधा मिल सके। पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने बैठक में बताया कि अब तक 52 फीसदी पैच वर्क का काम पूरा हो चुका है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को शेष 48 फीसदी पैच वर्क के काम को भी तेज गति से पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी दोहराया कि आगामी दीपावली से पहले प्रदेश की सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त किया जाना चाहिए। इसके तहत एक अभियान के रूप में पूरे राज्य में सड़क मरम्मत कार्य जारी हैं। मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के प्रभारी सचिवों को अपने जिलों का लगातार भ्रमण करने और जनता से संवाद स्थापित करने के भी निर्देश दिए। साथ ही सरकार की सभी विकास और जनकल्याणकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने में तेजी लाने पर जोर दिया गया।
मुख्यमंत्री धामी के सचिव बंशीधर तिवारी ने बताया कि शासन ने निर्णय लिया है कि प्रभारी सचिवों के अलावा मंत्रियों को भी अपने जिलों में दो दिन के प्रवास पर भेजा जाएगा। पहले दिन जिला प्रशासन और विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर योजनाओं की समीक्षा की जाएगी और दूसरे दिन जनता से सीधे संवाद स्थापित किया जाएगा। इस दौरान नागरिकों, सामाजिक संगठनों, ग्राम प्रधानों और युवाओं से समस्याएं सुनकर तुरंत समाधान के निर्देश दिए जाएंगे। सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री चाहते हैं कि शासन के हर स्तर पर जनता की आवाज सुनी जाए और यह भ्रमण जनता और सरकार के बीच दूरी कम करने में मदद करेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं भी दीपावली के बाद दो दिवसीय दौरे पर जिले में रहेंगे। मुख्यमंत्री पहले भी कई जिलों का निरीक्षण कर चुके हैं और योजनाओं की जमीनी प्रगति पर नजर रखते रहे हैं। इस कार्यक्रम में वे जनता से मिलकर योजनाओं का फीडबैक लेंगे और अधिकारियों को सुधार के स्पष्ट निर्देश देंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम उस समय महत्वपूर्ण है जब राज्य में बेरोजगार युवाओं के आंदोलन और हालिया परीक्षाओं के रद्द होने के कारण सरकार पर जनता का दबाव बढ़ा हुआ था। साथ ही बाढ़ और भारी बारिश से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों की गति को लेकर भी सवाल उठ रहे थे। इस अभियान को जनता के बीच विश्वास बहाल करने और यह संदेश देने के रूप में देखा जा रहा है कि सरकार मैदान पर सक्रिय और जवाबदेह है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में निर्माण और पुनर्निर्माण कार्य प्राथमिकता पर किया जाए। प्रभावित इलाकों में आवश्यक आधारभूत संरचनाओं का शीघ्र पुनर्निर्माण किया जाए। मुख्यमंत्री ने क्षतिग्रस्त पुलों के पुनर्निर्माण और नए पुलों के निर्माण में तेजी लाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी कार्यों में गुणवत्ता और पारदर्शिता का ध्यान रखा जाए। राज्य सरकार जनता को सुरक्षित, सुविधाजनक और बेहतर बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए सभी विभागों को समन्वय और सजगता के साथ काम करना होगा।
