16 वर्षीय किशोरी की देर रात रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई। किशोरी दसवीं की छात्रा थी और ननिहाल में रहकर पढ़ाई कर रही थी। महुली थाना क्षेत्र के गोपालपुर में लड़की की ननिहाल थी जबकि वह बस्ती जिले के लालगंज थाना क्षेत्र बहसापार गांव की रहने वाली थी। लड़की के मामा जितेंद्र क्षेत्र के पंचायत सदस्य है और वो उन्ही के घर पर ही रहकर स्कूल में पढ़ रही थी।
बताया जा रहा है कि रात रोज की तरह वह छत पर सोने गई। देर रात मौसम ठंडा होने की वजह से वह नीचे कमरे में आकर सो गए फिर जब सुबह देर तक नहीं उठी तो लोगों ने उसे जगाने की कोशिश की। हिलाने पर पता चला कि वह मर चुकी है। इस घटना की जानकारी उसके पिता कमल प्रसाद को भी दी गई
लेकिन वह दिल्ली से नहीं आए। सौतेली मां बेटी की मौत की खबर सुनकर रोते-बिलखते पहुंची। शव को लेकर परिजन सरजू घाट ले गए और वहां उसका अंतिम क्रियाकर्म किया।
छात्र की मौत की वजह अभी तक सामने नहीं आई है ननिहाल के लोगों का कहना है की कविता अपने अतीत से अवगत थी और वह कभी भी हार नहीं मानती थी। पढ़ाई में वह पूरी लगन के साथ जुटी रहती थी। अचानक हुई उसकी मौत उसके मामा सहित पूरा परिवार सदमे में है। गांव के लोग भी ऐसे में मौत की वजह से बेहद दुखी हैं प्रभारी निरीक्षक रजनीश राय का कहना है कि इस घटना की जानकारी नहीं है।
कविता के मामा महेंद्र ने बताया कि बहन की मौत उसके जन्म के दो वर्ष बाद ही हो गई थी। पिता दिल्ली में रहते थे। जहां पर उन्होंने दूसरी शादी कर ली थी। ऐसे में कविता की परवरिश पर संकट खड़ा हो गया।
बचपन में ही 13 साल पहले उसके दोनों मामा महेंद्र और जितेंद्र ने बहन के पति से मिन्नतें करके दिल्ली से हैंसर बाजार आने वाली बस के चालक से उसे मंगवाया था। तभी से कविता ननिहाल मे रह रही थी। वह अपने मामा महेंद्र को ही ‘पापा’ कहकर पुकारती थी।
मामा ने उसे न सिर्फ प्यार-दुलार दिया बल्कि अच्छे भविष्य के लिए निकटवर्ती इंटर कॉलेज में दाखिला भी करवाया। वह पढ़ाई में होनहार थी और हमेशा मेहनत करती थी।
