नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर वायरल एक चिट्ठी में कहा गया कि ‘केंद्र सरकार के कर्मचारियों को डियरनेस अलाउंस और डियरनेस रिलीफ जुलाई 2021 से रिज्यूम किया जा रहा है। इस पत्र में लिखा गया है कि कोरोना संकट की वजह से केंद्र सरकार के कर्मचारियों को डीए और डीआर नहीं दिया गया था, जिसे 1 जुलाई 2021 से लागू किया जा रहा है।’
मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा कि सोशल मीडिया पर एक दस्तावेज प्रसारित हो रहा है, जिसमें जुलाई 2021 से केंद्र सरकार के कर्मचारियों के डीए और केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को महंगाई राहत की बहाली का दावा किया जा रहा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘ यह कार्यालय ज्ञापन (ओएम) फर्जी है। ऐसा कोई ओएम भारत सरकार द्वारा जारी नहीं किया गया है।’
वित्त मंत्रालय ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर पिछले साल अप्रैल में केंद्र सरकार के 50 लाख कर्मचारियों और 61 लाख केंद्रीय पेंशनभोगियों के डीए में वृद्धि पर 30 जून 2021 तक के लिए रोक लगा दी थी।
बता दें कि लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए 18 माह से बंद महंगाई भत्ता व डीआर को लेकर शनिवार को अहम बैठक हुई। यह बैठक केंद्रीय कर्मचारियों की संस्था नेशनल काउंसिल ऑफ जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (JCM), वित्त मंत्रालय और डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग (DOPT) के अधिकारियों के बीच हुई।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण पैदा हुए आर्थिक हालात के मद्देनजर केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को रोक रखा है। सरकार ने जनवरी 2020 से महंगाई भत्ता रोक दिया था। जनवरी 2020 में केंद्रीय कर्मचारियों का डीए चार फीसदी बढ़ा था। इसके बाद दूसरी छमाही (जून 2020) में इसमें तीन फीसदी का इजाफा हुआ। जनवरी 2021 में यह चार फीसदी बढ़ा था। इस तरह डीए 17 फीसदी से बढ़कर 28 फीसदी होने से कर्मचारियों को लाभ होगा। हालांकि सरकार ने पिछले साल जनवरी से ही इसमें रोक लगाई हुई है। सरकार ने जून 2021 तक डीए और डीआर फ्रीज कर रखा है।
पहले यह बैठक आठ मई में होनी थी। लेकिन देश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों की वजह से इसे टाल दिया गया था। केंद्रीय कर्मचारियों की डीए की तीन किस्तें लंबित हैं। महामारी के कारण सरकार ने डीए फ्रीज कर रखा है। साथ ही पूर्व कर्मचारियों के डीआर की किस्तों का भुगतान भी नहीं हुआ है।
महंगाई भत्ता वेतन का एक हिस्सा है। यह कर्मचारी के मूल वेतन का एक निश्चित फीसदी होता है। देश में महंगाई के असर को कम करने के लिए सरकार अपने कर्मचारियों को महंगाई भत्ते का भुगतान करती है। इसे समय-समय पर बढ़ाया जाता है। रिटायर कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिलता है।

