धामी कैबिनेट की बैठक खत्म, कई बड़े फैसले लिए गए,महिला कर्मचारियों को नाइट शिफ्ट की मंजूरी, मानव–वन्यजीव संघर्ष में मुआवजा बढ़ा

देहरादून में बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक कई अहम फैसलों के साथ समाप्त हुई। सचिवालय में हुई इस…

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देहरादून में बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक कई अहम फैसलों के साथ समाप्त हुई। सचिवालय में हुई इस बैठक में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी और सौरभ बहुगुणा मौजूद रहे जबकि सतपाल महाराज और धन सिंह रावत वर्चुअल रूप से जुड़े। बैठक की शुरुआत प्रदेश के वरिष्ठ आंदोलनकारी और पूर्व कैबिनेट मंत्री दिवाकर भट्ट को श्रद्धांजलि देकर हुई, जिन्होंने राज्य निर्माण आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। दो मिनट का मौन रखकर उनके योगदान को याद किया गया।

बैठक में अलग-अलग विभागों से आए प्रस्तावों पर चर्चा हुई और करीब सात महत्वपूर्ण निर्णयों पर सहमति बनी। सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन विभाग के वार्षिक लेखे–जोखे को विधानसभा में पेश करने की मंजूरी दी। ऊर्जा विभाग के वित्तीय प्रतिवेदन 2022–23 को भी सदन में रखने की स्वीकृति दे दी गई। अभियोजन संवर्ग में बदलाव करते हुए सरकार ने सहायक अभियोजन अधिकारी के 46 नए पद बनाने का फैसला किया है, ताकि विभाग का ढांचा मजबूत हो सके।

धामी सरकार ने राज्य की दुकानों और संस्थानों में काम करने वाली महिलाओं को रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक काम करने देने की अनुमति भी दे दी है, लेकिन इसके लिए सुरक्षा इंतज़ाम और महिला कर्मचारी की पहले से लिखित सहमति अनिवार्य रहेगी। सरकार का मानना है कि इससे महिलाओं को रोजगार के ज्यादा अवसर मिलेंगे और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

दुकान और स्थापना अधिनियम में किए जा रहे संशोधनों को भी कैबिनेट ने हरी झंडी दे दी। सरकार का तर्क है कि इन बदलावों से छोटे कारोबारियों पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा और बड़े प्रतिष्ठानों में काम करने वाले कर्मचारियों को कानून के तहत मिलने वाले सभी लाभ जारी रहेंगे। सरकार का दावा है कि यह कदम निवेश बढ़ाने के साथ ही दुकानों और संस्थानों की कार्यप्रणाली में लचीलापन लाएगा और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

देहरादून में प्रस्तावित मेट्रो नियो परियोजना को लेकर केंद्र सरकार की ओर से दिए गए सुझावों की जानकारी भी मंत्रिमंडल को दी गई। इस परियोजना पर आगे का मार्गदर्शन कैबिनेट स्तर पर तय होगा।

मानव–वन्यजीव संघर्ष से जुड़े मामलों में मुआवजा बढ़ाने का फैसला भी लिया गया। अब ऐसी घटनाओं में जान गंवाने वालों के परिजनों को दस लाख रुपये मिलेंगे, जबकि पहले यह राशि छह लाख थी। घायल होने पर इलाज का पूरा खर्च सरकार उठाएगी।

बैठक में शिक्षा विभाग से जुड़े दो प्रस्तावों को अभी रोक दिया गया है। इन पर दोबारा विचार करने और विस्तार से जांच करने के निर्देश दिए गए हैं।