देश का 17वां उपराष्ट्रपति कौन होगा यह फैसला आज यानी मंगलवार को संसद के भीतर होने वाले चुनाव से तय होगा। सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक सांसद मतदान करेंगे और देर रात तक परिणाम आने की उम्मीद है। मुकाबला एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन और विपक्ष के संयुक्त प्रत्याशी बी सुदर्शन रेड्डी के बीच है।
एनडीए ने अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए खास रणनीति बनाई है। सांसदों को अलग अलग समूहों में बांटकर उनके लिए प्रभारी मंत्री नियुक्त किए गए हैं। सुबह सभी सांसद अपने प्रभारी मंत्री के घर नाश्ता करेंगे और उसके बाद सामूहिक रूप से मतदान स्थल जाएंगे। यूपी के सांसदों को पीयूष गोयल की जिम्मेदारी दी गई है। दक्षिण भारत के सांसद प्रह्लाद जोशी के पास रहेंगे। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के लिए शिवराज सिंह चौहान को प्रभारी बनाया गया है। इसी तरह जम्मू कश्मीर पंजाब हरियाणा हिमाचल और उत्तराखंड के सांसद मनोहर लाल खट्टर के आवास पर जुटेंगे। राजस्थान के सांसद अर्जुन मेघवाल के पास तो गुजरात के सांसद मनसुख मंडाविया के जिम्मे हैं। बिहार और झारखंड के सांसद नित्यानंद राय के पास रहेंगे। महाराष्ट्र के लिए भूपेंद्र यादव प्रभारी बनाए गए हैं। पश्चिम बंगाल और ओडिशा के सांसद धर्मेंद्र प्रधान के पास जबकि पूर्वोत्तर के सांसद किरेन रिजिजू के जिम्मे हैं।
विपक्ष भी अपनी एकजुटता दिखाने में पीछे नहीं है। सोमवार को संविधान सदन में विपक्षी दलों की बैठक हुई। इसमें सोनिया गांधी मल्लिकार्जुन खरगे अखिलेश यादव शरद पवार और कई अन्य नेता मौजूद रहे। बैठक के दौरान विपक्षी सांसदों ने प्रतीकात्मक मतदान करके तैयारी की ताकि वास्तविक वोटिंग में कोई गड़बड़ी न हो। विपक्ष ने तीन सांसदों को पोलिंग एजेंट और दो सांसदों को मतगणना एजेंट नियुक्त किया है। विपक्षी नेताओं ने अपने सांसदों से अपील की है कि वे वोट डालते समय पूरी सावधानी बरतें ताकि पिछली बार की तरह वोट अवैध न हों। खास बात यह है कि इस चुनाव में पार्टी व्हिप लागू नहीं होता और मतदान पूरी तरह से गुप्त तरीके से होता है। इस बीच राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल और आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर आजाद ने भी विपक्षी उम्मीदवार रेड्डी को समर्थन दिया है।
इस चुनाव की दिलचस्पी इसलिए भी बढ़ गई है क्योंकि दोनों ही प्रत्याशी दक्षिण भारत से आते हैं। सीपी राधाकृष्णन तमिलनाडु से हैं। वे ओबीसी समुदाय से हैं और आरएसएस पृष्ठभूमि के पुराने भाजपा नेता माने जाते हैं। वे दो बार सांसद रहे और फिलहाल महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। दूसरी ओर बी सुदर्शन रेड्डी तेलंगाना के रहने वाले हैं। वे सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश हैं और गोवा के लोकायुक्त रह चुके हैं। न्यायिक कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई अहम फैसले दिए जिनमें सलवा जुडूम को असंवैधानिक घोषित करने वाला आदेश भी शामिल है।
यह चुनाव इसलिए हो रहा है क्योंकि मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से कार्यकाल पूरा होने से पहले ही इस्तीफा दे दिया। उनके पद छोड़ने के बाद यह विशेष चुनाव कराना पड़ा।
संसद के गणित के हिसाब से एनडीए उम्मीदवार की स्थिति मजबूत दिख रही है क्योंकि गठबंधन को बहुमत हासिल है। हालांकि विपक्ष इस चुनाव को विचारधारा की लड़ाई बता रहा है। बी सुदर्शन रेड्डी ने कहा कि यह सिर्फ व्यक्ति का चुनाव नहीं बल्कि भारत की आत्मा का सवाल है। विपक्ष को एआईएमआईएम का समर्थन मिला है जबकि बीजद और बीआरएस ने मतदान से दूर रहने का ऐलान किया है।
संसद में इस बार 781 सांसद मतदान के पात्र हैं। इनमें राज्यसभा के 233 निर्वाचित सदस्य 12 मनोनीत सदस्य और लोकसभा के 543 सदस्य शामिल हैं। एक लोकसभा सीट और पांच राज्यसभा सीटें फिलहाल रिक्त हैं। अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि शाम तक किसके पक्ष में बहुमत का फैसला आएगा और देश का नया उपराष्ट्रपति कौन बनेगा।
