यमुनानगर जिले के कोर्ट माजरी में 75 साल के शेर सिंह को दोबारा जिंदगी मिल गई जबकि यमुनानगर के सबसे नामी प्राइवेट अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था।
परिवार के लोगों ने अंतिम संस्कार के सभी तैयारी भी कर ली थी। शमशान घाट में लकड़ी भी पहुंच गई थी। शव के लिए अर्थी भी तैयार कर ली गई थी। रिश्तेदारों को शेर सिंह के निधन का समाचार भी बता दिया गया था।
रोते हुए लगतार रिश्तेदार शेर सिंह के लिए कफन भी लेकर आए। दूर के रिश्तेदारों के लिए सारे इंतजाम कर लिए गए थे लेकिन घर पहुंचते ही चमत्कार हुआ। शेर सिंह को जैसे ही चारपाई पर लाकर नाक से वेंटिलेटर हटाया गया तो उसने आंखें खोल दी और वह खांसने लगा।
इसके बाद तो परिवार के लोगों के पैरों तले जमीन खिसक गई। शेर सिंह के परिवार के सदस्यों ने कहा कि शेर सिंह मंगलवार को अचानक हार्ट अटैक से बेहोश हो गया था जिसके बाद उसे लेडी प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था लेकिन हालत को नाजुक देखते हुए उसे यमुनानगर रेफर कर दिया गया था। डॉक्टर ने हाथ खड़े कर उसे मृत घोषित कर दिया था लेकिन शेर सिंह जिंदा था।
पूर्व सरपंच रणजीत सिंह ने कहा कि शेर सिंह को नहलाने के लिए नाक से पाइप निकाला तो उसे सांस आया उसे तुरंत पानी पिलाया गया। उनके अंतिम संस्कार की पूरी तैयारी कर ली गई थी। पानी पिलाने के बाद उन्हें दोबारा अस्पताल में एडमिट कर दिया है और अब उसकी हालत स्थिर है।
परिवार के दूसरे सदस्य ने बताया कि हमने शेर सिंह के लिए अर्थी भी तैयार कर ली थी कफन भी बना लिया था लेकिन अब हमने अर्थी को उखाड़ दिया है। शेर सिंह को दोबारा अपने बीच पानी के लिए परिवार के सदस्य जितने हैरान है उतने खुश भी है।
