उत्तराखंड सरकार ने लंबे समय से चली आ रही ग्रामीणों की मांग को पूरा किया और अब पिथौरागढ़ जिले के कुख्यात नाम से पहचाने जाने वाले खूनी गांव का नाम बदलकर देवी ग्राम हो गया है।
सरकार की ओर से यह स्पष्ट किया गया कि या निर्णय जन भावनाओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है और केंद्र सरकार से इसकी मंजूरी भी ले ली गई है। इसके साथ ही अधिसूचना में यह भी कहा गया कि नाम परिवर्तन का पहले से लंबित किसी भी कानून प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
अल्मोड़ा पिथौरागढ़ से सांसद अजय टम्टा ने इस बदलाव के बारे में सोशल मीडिया पर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण लंबे समय से इस नाम में परिवर्तन करवाना चाह रहे थे और आखिरकार यह राज्य सरकार ने स्वीकार लिया। ग्राम प्रधान इंदिरा जोशी का कहना है कि दशकों से चली आ रही है मांग को पूरा होने पर पूरे गांव में उत्साह और खुशी का माहौल है।
पिथौरागढ़ से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित इस छोटे से गांव में लगभग 60 परिवार रहते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि ‘खूनी’ नाम के कारण उन्हें पढ़ाई, नौकरी और बाहरी लोगों से बातचीत के दौरान शर्मिंदगी झेलनी पड़ती थी।
नाम बदलने की पृष्ठभूमि भी दिलचस्प है। कहा जाता है कि अंग्रेजी शासन के दौरान यहां ग्रामीणों और अंग्रेजों के बीच झड़प हुई थी, जिसमें अंग्रेज मारे गए थे।
इसके बाद इस गांव का नाम खूनी गांव पड़ गया था। वही एक अन्य मान्यता है कि पहले इस गांव का नाम खोली था लेकिन अंग्रेज इस उच्चारण में गलत बोलते थे और खूनी बोलते थे और समय के साथ यही नाम प्रचलित हो गया।
अब देवी ग्राम नया नाम मिलने के बाद ग्रामीण अपनी नई पहचान को लेकर गर्व और सुकून में महसूस कर रहे हैं। यह बदलाव न केवल उनके हाथ में सम्मान की लड़ाई की जीत है बल्कि गांव की सकारात्मक पहचान को भी मजबूत करेगा।
