अल्मोड़ा,28 अक्टूबर, 2025
देवभूमि उत्तराखंड के लोगों पर हमेशा से ही भूकंप का बड़ा खतरा मंडराता रहा है। इस भयंकर आपदा की आशंका और उससे होने वाले संभावित नुकसान को देखते हुए, अल्मोड़ा जिला प्रशासन ने अब तक के सबसे बड़े राज्य स्तरीय भूकंप मॉक ड्रिल (Earthquake Mock Drill) की घोषणा कर दी है।यह महा-अभ्यास कल, 29 अक्टूबर से शुरू होकर 15 नवंबर तक चलेगा, ताकि किसी भी अनहोनी की स्थिति में प्रशासन की तैयारी पुख्ता हो और जानमाल का नुकसान कम से कम हो सके।
क्यों हो रही है यह इमरजेंसी ड्रिल? डीएम ने दिया जबाब
जिलाधिकारी अंशुल सिंह ने इस अभ्यास की जानकारी देते हुए साफ किया कि उत्तराखंड सेस्मिक जोन IV और V में आता है, जहाँ बड़ा भूकंप आना तय है। डीएम ने चेतावनी दी कि भूकंप के बाद सिर्फ़ झटके ही नहीं रुकते, बल्कि उसके परिणाम में कई ‘सेकेंडरी आपदाएं’ भी तबाही मचाती हैं।
डीएम ने उन भयंकर खतरों को सूचीबद्ध किया जिनके लिए तैयारी करना ज़रूरी है: भूकंप के तुरंत बाद व्यापक भूस्खलन और जमीन धंसने की घटनाएँ। बड़े बांधों (Dams) का टूटना, अचानक बाढ़ आना और आग लगने की घटनाएँ। संचार, बिजली और परिवहन सेवाओं का पूरी तरह से बाधित हो जाना। इसके अलावा हिमस्खलन (Avalanche) या औद्योगिक गैस/कैमिकल रिसाव जैसी स्थितियाँ भी पैदा हो सकती हैं।डीएम ने कहा कि ऐसी आपदाजनक परिस्थितियों में त्वरित और समन्वित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए सभी विभागों का पूर्वाभ्यास करना बेहद ज़रूरी है।
ये है मॉक ड्रिल का पूरा कार्यक्रम
यह राज्य स्तरीय मॉक अभ्यास तीन चरणों में पूरा किया जाएगा:
| चरण | तारीख | समय | मुख्य गतिविधि |
| पहला चरण | 29 अक्टूबर, 2025 | सुबह 10:00 से 01:00 बजे तक | समन्वय और अभिविन्यास कार्यक्रम (Co-ordination and Orientation) |
| दूसरा चरण | 12 नवम्बर, 2025 | सुबह 10:00 से 01:45 बजे तक | टेबल टॉप एक्सरसाइज (रणनीति और योजना बनाना) |
| तीसरा चरण | 15 नवम्बर, 2025 | सुबह 08:30 से 03:45 बजे तक | वृहद मॉक अभ्यास (जमीनी स्तर पर बचाव कार्य का अभ्यास) |
डीएम ने दिए अधिकारियों को सख्त निर्देश
जिलाधिकारी ने सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं। 29 अक्टूबर को होने वाले समन्वय कार्यक्रम में, जनपद मुख्यालय में उपस्थित अधिकारी जिलाधिकारी कार्यालय स्थित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कक्ष में समय पर उपस्थित होंगे। मुख्यालय से बाहर के सभी अधिकारी अनिवार्य रूप से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ने को कहा गया है।
यह अभ्यास न केवल प्रशासन की तैयारियों को परखेगा, बल्कि लोगों को भी यह जानने में मदद करेगा कि किसी बड़े भूकंप की स्थिति में उन्हें अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित करनी है।
