भगवान राम की 77 फीट प्रतिमा का अनावरण, सांस्कृतिक धरोहर के नए अध्याय का साक्षी बना पर्तगाली मठ

भगवान राम की 77 फीट प्रतिमा का अनावरण, सांस्कृतिक धरोहर के नए अध्याय का साक्षी बना पर्तगाली मठ गोवा के दक्षिणी हिस्से में बसे पर्तगाली…

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भगवान राम की 77 फीट प्रतिमा का अनावरण, सांस्कृतिक धरोहर के नए अध्याय का साक्षी बना पर्तगाली मठ

गोवा के दक्षिणी हिस्से में बसे पर्तगाली क्षेत्र ने शुक्रवार को एक ऐतिहासिक क्षण का स्वागत किया, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री संस्थान गोकर्ण पर्तागली जीवोत्तम मठ परिसर में भगवान राम की 77 फीट ऊंची भव्य प्रतिमा का अनावरण किया। मठ की 550वीं वर्षगांठ पर आयोजित विशाल समारोह में यह प्रतिमा न सिर्फ सांस्कृतिक श्रद्धा का प्रतीक बनी, बल्कि परंपरा और आधुनिकता के संगम की गवाही भी देती दिखाई दी। यह प्रतिमा कांस्य धातु से तैयार की गई है और देश के प्रख्यात मूर्तिकार राम वी एस सुतार की कलात्मकता का उत्कृष्ट उदाहरण मानी जा रही है।

कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने रामायण थीम पार्क गार्डन को भी जनता को समर्पित किया। इसके साथ ही एक विशेष डाक टिकट और स्मारक सिक्का जारी किया गया, जिसने इस आयोजन को ऐतिहासिक रूप से और भी महत्वपूर्ण बना दिया। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने इसे भारत की सांस्कृतिक जड़ों को दुनिया तक पहुंचाने की दिशा में अहम कदम बताया।

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने इस आयोजन को राज्य की पहचान बदलने वाला अवसर बताते हुए कहा कि कैनाकोना में स्थापित यह प्रतिमा पर्यटन क्षेत्र के लिए एक बड़ा आकर्षण साबित होगी। उन्होंने कहा कि जिस तरह अयोध्या में राम मंदिर ने करोड़ों लोगों की भावनाओं को एक सूत्र में पिरोया है, उसी प्रकार गोवा में स्थापित यह प्रतिमा आध्यात्मिक पर्यटन का नया केंद्र बन सकती है।

समारोह में शामिल हजारों लोगों ने इस पल को अपने जीवन का अविस्मरणीय अनुभव बताया। कई आगंतुकों ने कहा कि गोवा को अक्सर सिर्फ समुद्री तटों और मनोरंजन के बीच देखा जाता है, जबकि इसकी सांस्कृतिक पहचान बेहद गहरी और समृद्ध है। भगवान राम की यह प्रतिमा लोगों को भारतीय संस्कृति से जोड़ने का एक अनूठा माध्यम बनेगी और युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों से परिचित कराएगी।

कार्यक्रम में विदेशी मेहमानों की मौजूदगी ने भी उत्सव की भव्यता को बढ़ाया। उत्सव समिति के संयुक्त संयोजक एस मुकुंद कामत ने बताया कि मठ के 11 दिवसीय समारोह में देश भर से डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों के पहुंचने की संभावना है। इस दौरान कई सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी, जिनमें शंकर महादेवन और अनूप जलोटा जैसे दिग्गज कलाकार भी मंच पर प्रस्तुति देंगे।

श्री संस्थान गोकर्ण पर्तागली जीवोत्तम मठ गौड़ सारस्वत ब्राह्मण वैष्णव समुदाय का पहला प्रमुख मठ माना जाता है। यह 13वीं शताब्दी में जगद्गुरु मध्वाचार्य द्वारा स्थापित द्वैत दर्शन का पालन करता है। मठ कुशवती नदी के तट पर स्थित है और गोवा की आध्यात्मिक परंपराओं में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।