लखनऊ में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में अयोध्या से जुड़ा एक बड़ा फैसला लिया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में मंदिर संग्रहालय के लिए जमीन बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। बताया गया कि पहले इसके लिए पच्चीस एकड़ जमीन तय की गई थी, लेकिन टाटा एंड सन्स की मांग पर अब यह सीमा बढ़ाकर बावन एकड़ कर दी गई है। सरकार का कहना है कि इस जगह पर एक ऐसा सांस्कृतिक परिसर तैयार किया जाएगा, जो आने वाले समय में मंदिर परंपरा के इतिहास को पूरी भव्यता के साथ दिखाएगा।
राम मंदिर निर्माण और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से अयोध्या में लगातार बढ़ रही भीड़ को देखते हुए लंबे समय से एक बड़े संग्रहालय की जरूरत महसूस की जा रही थी। अब मंजूरी मिलते ही इसके निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। सरकार का मानना है कि इस परियोजना के जरिए भावी पीढ़ियां वेद पुराण से लेकर मंदिर संस्कृति तक सभी पहलुओं को विस्तार से समझ पाएंगी।
कैबिनेट में कुल बीस प्रस्ताव रखे गए थे, जिनमें उन्नीस को मंजूरी दी गई है। औद्योगिक विकास, आवास, नगर विकास, वित्त और पर्यटन से जुड़ी कई योजनाओं पर भी मुहर लगी है। दिव्यांगजनों के लिए हर मंडल मुख्यालय पर पुनर्वास केंद्र बनाए जाने का फैसला भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
खिलाड़ियों के लिए भी सरकार ने राहत वाला कदम उठाया है। अब प्रतियोगिताओं में जाने, प्रशिक्षण शिविरों में शामिल होने और आवागमन में लगने वाले समय को भी ड्यूटी के बराबर माना जाएगा। इससे खिलाड़ियों पर नियमों को लेकर किसी तरह का बोझ नहीं रहेगा और वे अपनी तैयारियों पर पूरी तरह ध्यान दे सकेंगे।
इसके अलावा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर घाघरा पुल के पास सुरक्षा कार्य, कानपुर और बरेली में अमृत मिशन के तहत पेयजल सुधार परियोजनाएं, कानपुर में मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल के लिए भूमि हस्तांतरण, प्रदूषण नियंत्रण नियमों में संशोधन, चंदौली में सड़क चौड़ीकरण समेत कई प्रस्तावों को भी मंत्रिमंडल की मंजूरी मिली है।
