सिगरेट और पान मसाला पर टैक्स बढ़ सकता है, केंद्र ने संसद में पेश किए दो नए कानून

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सोमवार को संसद के शीतकालीन सत्र में तंबाकू और पान मसाला उत्पादों पर कर और उपकर लगाने संबंधी दो नए…

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सोमवार को संसद के शीतकालीन सत्र में तंबाकू और पान मसाला उत्पादों पर कर और उपकर लगाने संबंधी दो नए विधेयक पेश किए। इन विधेयकों का मकसद जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर समाप्त होने के बाद भी हानिकारक उत्पादों पर कर दर को बनाए रखना है।

केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2025 के तहत सिगरेट, हुक्का, जर्दा, चबाने वाले तंबाकू और सुगंधित तंबाकू पर उत्पाद शुल्क लागू होगा, जबकि स्वास्थ्य सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025 पान मसाला जैसी विशिष्ट वस्तुओं पर नया उपकर निर्धारित करेगा।

वर्तमान में तंबाकू और पान मसाला पर 28 प्रतिशत जीएसटी के साथ क्षतिपूर्ति उपकर लगता है। नए प्रस्तावों के अनुसार, क्षतिपूर्ति उपकर समाप्त होने के बाद तंबाकू उत्पादों पर 40 प्रतिशत जीएसटी और उत्पाद शुल्क, जबकि पान मसाला पर 40 प्रतिशत जीएसटी के साथ स्वास्थ्य सुरक्षा उपकर लागू होगा। सिगरेट और चुरूट पर प्रति 1,000 स्टिक 5,000 से 11,000 रुपये तक उत्पाद शुल्क लगाने का प्रस्ताव रखा गया है।

अनिर्मित तंबाकू पर 60-70 प्रतिशत और निकोटीन तथा साँस लेने वाले उत्पादों पर 100 प्रतिशत उत्पाद शुल्क का प्रावधान भी किया गया है। सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हानिकारक उत्पादों पर कर की दर में कटौती न हो और देश में स्वास्थ्य सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा सके। फिलहाल सिगरेट सहित अन्य तंबाकू उत्पादों की कीमतों पर कर बढ़ने का समय स्पष्ट नहीं किया गया है।