छुट्टी से लौटते ही छात्राओं से कराए प्रेग्नेंसी टेस्ट, सरकारी गर्ल्स हॉस्टल का अजीबों गरीब फरमान

महाराष्ट्र के पुणे जिले के एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है। यहां के सरकारी आदिवासी लड़कियों के हॉस्टल में छात्राओं को छुट्टी से वापस…

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महाराष्ट्र के पुणे जिले के एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है। यहां के सरकारी आदिवासी लड़कियों के हॉस्टल में छात्राओं को छुट्टी से वापस आने पर यूरिन प्रेग्नेंसी टेस्ट कराने को कहा गया, इतना ही नहीं उन्हें टेस्ट के लिए मजबूर किया गया।

हॉस्टल प्रशासन के इस अजीबोगरीब फरमान ने छात्राओं की निजता और व्यक्तिगत अधिकारों को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया है।

यह मामला नागपुर शीतकालीन अधिवेशन में चर्चा में आया। जहां विधायक संजय खोडके ने इस मामले में बात करते हुए इस मामले में सरकार से जवाब मांगा। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि यह छात्राओं की निजता का उल्लंघन है। वहीं, दूसरी तरफ मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने सफाई देते हुए हुए कड़े शब्दों में कहा कि ऐसी कोई भी सरकारी नियमावली, जीआर या सर्कुलर मौजूद नहीं है जो छात्राओं के लिए छुट्टी से लौटने पर प्रेग्नेंसी टेस्ट को जरूरी बनाता हो।

इस गंभीर मामले का महिला आयोग ने भी संज्ञान में लिया और जांच में जुट गई। महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने कहा कि यह टेस्ट न केवल निजता का उल्लंघन है, बल्कि भेदभावपूर्ण भी है, जो छात्राओं को शक की निगाह से देखता है।

एनडीटीवी की टीम ने जब पुणे जिले के जुन्नर स्थित उस आदिवासी शासकीय छात्रावास से संपर्क करने की कोशिश की, तो हॉस्टल प्रशासन ने कैमरे के सामने आकर बोलने से साफ साफ मना कर दिया। हालांकि, स्थानीय आदिवासी स्वयंसेवी संस्थाओं के युवा इस मामले को छोड़ने के मूड में नहीं हैं।

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