दसवीं में अपने 93.5% मार्क्स देखकर छात्र को नहीं हुआ यकीन, result देखते ही हो गया बेहोश, ICU में भर्ती

Smriti Nigam
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बीते शनिवार को यूपी बोर्ड का रिजल्ट जारी किया गया है। मेरठ के भी छात्रों ने बोर्ड रिजल्ट में अच्छे नंबर प्राप्त किए। इसी बीच मेरठ से एक हैरान करने वाली खबर सामने आ रही है यहां एक छात्र अपना रिजल्ट देखने के बाद बेहोश हो गया। बताया जा रहा है कि दसवीं की परीक्षा में उसके 93.5% मार्क्स आए थे। इसके बाद उसे आईसीयू में भी भर्ती करवाना पड़ा।

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Meerut News; उत्तर प्रदेश बोर्ड ने 10वीं और 12वीं का रिजल्ट जारी कर दिया है। छात्रों को कई दिनों से अपने रिजल्ट का इंतजार था। मगर अब मेरठ से एक चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है। यहां 10th क्लास का लड़का अपना रिजल्ट देखकर बेहोश हो गया और उसकी हालत इतनी ज्यादा खराब हो गई कि उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ गया।

फेल या कम नंबर आने पर तो आपने सुना होगा कि छात्र परेशान हो जाते हैं ऐसे में उनकी तबीयत खराब हो जाती है लेकिन अपना अच्छा रिजल्ट देखने के बाद भी दसवीं का एक छात्र अपने नंबरों पर यकीन नहीं कर पाया और बेहोश हो गया और उसकी हालत इतनी ज्यादा बिगड़ी कि वह आईसीयू तक पहुंच गया। यह पूरा मामला उत्तर प्रदेश के मेरठ से आ रहा है। 12:00 के बाद से ही छात्र अपने बोर्ड रिजल्ट का इंतजार कर रहा था। सभी को 2:00 बजाने का इंतजार था और 2:00 बजे रिजल्ट घोषित किया गया

पालमपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले सुनील कुमार का बेटा अंशुल कुमार भी अपनी परीक्षा परिणाम का इंतजार कर रहा था। वह महर्षि दयानंद इंटर कॉलेज मोदीपुरम में दसवीं का छात्र था। मिली जानकारी के मुताबिक, 2 बजते ही छात्र ने अपना लैपटॉप खोला और अपने बोर्ड नंबर देखने लगा। तभी छात्र अचानक बेहोश हो गया और वह गिर पड़ा।

परिजन फौरन छात्र के पास गए तो देखा कि लैपटॉप में छात्र का रिजल्ट खुला हुआ है और छात्र को 93.5% अंक मिले हुए हैं। परिवार वालों ने काफी कोशिश की मगर छात्र होश में नहीं आया इसके बाद वह उसे फौरन अस्पताल ले गए। उसकी हालत को गंभीर होते हुए देखकर उन्होंने उसे आईसीयू में भर्ती कराया लेकिन अब किसी को समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर छात्र को हुआ क्या ?

छात्र के परिवार जनों का कहना है कि अब उसकी हालत स्थिर बनी हुई है और वह खतरे से बाहर है लेकिन उसका इलाज अभी भी अस्पताल में चल रहा है। फिलहाल यह मामला मामला काफी चर्चा में बना हुआ है।

इस पूरे मामले पर लोगों का कहना है कि या तो छात्र को इतने अच्छे नंबर की उम्मीद नहीं थी, इसलिए वह अपना रिजल्ट देखते ही बेहोश हो गया। दूसरी तरफ लोगों का कहना है कि हो सकता है कि छात्र को और ज्यादा नंबरों की उम्मीद हो और उसकी उम्मीद के मुताबिक उसे नंबर कम मिले हो।