दिल्ली धमाके के बाद उत्तराखंड में सख्त निगरानी , देहरादून में कश्मीरी छात्रों की निगरानी बढ़ी , पहचान की दोबारा जांच तेज हुई

19 Nov, 20254:52 PMदेहरादून में सुरक्षा एजेंसियों की हलचल अचानक तेज हो गई है , वजह दिल्ली में लाल किले के पास हुआ धमाका है…

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19 Nov, 20254:52 PM
देहरादून में सुरक्षा एजेंसियों की हलचल अचानक तेज हो गई है , वजह दिल्ली में लाल किले के पास हुआ धमाका है जिसके बाद से पूरे देश में चौकसी बढ़ा दी गई है , और उसी के बाद देहरादून पुलिस ने भी शहर में रहने वाले बाहरी छात्रों और विदेशियों की गतिविधियों को दोबारा परखना शुरू कर दिया है । दिल्ली धमाके में कश्मीर का संबंध निकलने के बाद दून पुलिस किसी भी तरह की लापरवाही नहीं लेना चाहती , लिहाज़ा हर छात्र की पहचान , रहन सहन और आने जाने के रिकॉर्ड को फिर से जांचा जा रहा है , ताकि जरा सा भी संदिग्ध इनपुट नजर आए तो तुरंत कार्रवाई हो सके।


देहरादून लंबे समय से पढ़ाई का बड़ा केंद्र रहा है , देश भर से युवा यहां कॉलेज और कोचिंग के लिए आते हैं और इनमें कश्मीर से आने वाले छात्रों की संख्या हमेशा ज्यादा रहती है , मौजूदा समय में शहर के अलग अलग संस्थानों में नौ सौ से ज्यादा कश्मीरी लड़के और लड़कियां पढ़ रहे हैं , पुलिस के पास इन सबका रिकॉर्ड पहले भी था लेकिन दिल्ली धमाका सामने आने के बाद सभी का री वेरिफिकेशन नए सिरे से किया जा रहा है । जो छात्र हॉस्टल , पीजी या किराए के कमरे में रहते हैं उनके पते , आईडी और मूवमेंट को एक एक करके दोबारा मिलाया जा रहा है ।

इसके अलावा कश्मीरी छात्रों के कुछ निजी सोशल ग्रुप्स और उनके ऑनलाइन चैट पैटर्न पर भी खास निगाह डाली जा रही है , ताकि जरा सी भी संदिग्ध गतिविधि तुरंत पकड़ में आ जाए । एजेंसियां सिर्फ इन्हीं तक सीमित नहीं हैं बल्कि बाहरी राज्यों और विदेशों से आए लोगों की दिनचर्या भी लगातार स्कैन की जा रही है ।


पिछले छह महीने की निगरानी में पुलिस को सोलह बांग्लादेशी नागरिक संदिग्ध गतिविधियों में शामिल मिले , जिनमें नौ को वापस भेज दिया गया और बाकी पर नियमों के मुताबिक कार्रवाई की गई , पुलिस का कहना है कि कोई भी व्यक्ति देश विरोधी हरकत में पाया जाता है तो उसका देश राज्य कुछ भी हो,कार्रवाई तुरंत होती है।कॉलेज प्रशासन भी अपने स्तर पर छात्रों पर पैनी नजर रखता है और अगर किसी छात्र का व्यवहार शक के दायरे में आता है तो उसके परिवार को जानकारी दी जाती है और पुलिस को भी सूचित किया जाता है।


एसएसपी अजय सिंह का कहना है कि वेरिफिकेशन ड्राइव का फायदा यह होता है कि पुलिस के पास हर छात्र का पूरा डेटा तैयार रहता है , और अगर किसी के बारे में कोई इनपुट मिलता है तो जांच में समय नहीं लगता , उन्होंने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों से जो भी सूचना मिलती है उसके आधार पर पुलिस बाहरी छात्रों से लगातार संपर्क में रहती है ।


एसएसपी ने यह भी कहा कि कश्मीरी छात्रों से लेकर विदेशी छात्रों की गतिविधियों तक हर चीज को बारीकी से मॉनिटर किया जा रहा है , सोशल मीडिया से लेकर उनके ठहरने की जगहों तक सब जगह नजर रखी जा रही है , अगर कोई भी व्यक्ति शक के घेरे में आता है तो कानूनन कार्रवाई अमल में लाई जाएगी । दिल्ली धमाके के बाद देहरादून की सुरक्षा व्यवस्था को फिर से मजबूत किया जा रहा है , ताकि शहर में किसी भी एंटी नेशनल नेटवर्क की जड़ें न पनप सकें ।