देहरादून से एक अहम खबर सामने आई है जहां उत्तराखंड सरकार ने सड़क सुरक्षा को लेकर अब पूरी तरह सख्ती बरतने का फैसला किया है। राज्य में जीरो टॉलरेंस नीति लागू की जाएगी यानी ट्रैफिक नियमों को तोड़ने वालों के खिलाफ किसी भी तरह की नरमी नहीं बरती जाएगी।
मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने राज्य सड़क सुरक्षा कोष प्रबंधन समिति की समीक्षा बैठक में साफ कहा कि अब सड़क सुरक्षा से जुड़े मामलों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और जरूरत पड़ने पर नियमों में संशोधन के लिए भी प्रस्ताव तैयार किए जाएं।
मुख्य सचिव ने कहा कि सड़क सुरक्षा में जीरो टॉलरेंस नीति का सख्ती से पालन होना चाहिए ताकि जो भी नियम तोड़ता है उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जा सके। इसके लिए परिवहन विभाग, पुलिस और संबंधित एजेंसियों को मिलकर पूरी व्यवस्था को मजबूत करने के निर्देश दिए गए हैं।
बैठक में यह भी तय किया गया कि रेड लाइट जाम करने वालों का ड्राइविंग लाइसेंस तीन महीने तक के लिए निलंबित किया जाएगा। वहीं जिन वाहनों का चालान तो हो चुका है लेकिन कंपाउंडिंग प्रक्रिया अधूरी है, उन्हें सीसीटीवी कैमरों से ट्रैक कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
ट्रैफिक संचालन को डिजिटल और ऑटोमेटेड बनाने के लिए तकनीकी उपकरणों, ट्रैफिक लाइट और स्ट्रीट लाइट से जुड़े प्रस्ताव भी तैयार किए जाएंगे। सरकार का मकसद है कि शहरी क्षेत्रों में ट्रैफिक की समस्या को कम किया जा सके।
सड़क दुर्घटना की आपात स्थिति में हेली एंबुलेंस और मेडिकल इमरजेंसी सुविधाओं पर भी परिवहन और स्वास्थ्य विभाग मिलकर ठोस योजना बनाएंगे। साथ ही लोगों में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए भी कदम उठाए जाएंगे।
