अगर आप रोजाना बहुत कम या बहुत ज्यादा सोते हैं, तो ये आदत आपके लिए खतरनाक साबित हो सकती है। ताजा मेडिकल रिसर्च में सामने आया है कि रोज सात घंटे से कम या नौ घंटे से ज्यादा नींद लेने वालों में समय से पहले मौत का खतरा बढ़ जाता है। इस शोध ने नींद की आदतों और सेहत पर पड़ने वाले असर को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
यह स्टडी ‘जर्नल ऑफ अफेक्टिव डिसऑर्डर्स’ में प्रकाशित की गई है, जिसमें बताया गया है कि नींद की समयसीमा का सीधा ताल्लुक मानसिक और शारीरिक सेहत से है। खासतौर पर, जो लोग नौ घंटे से ज्यादा सोते हैं, उनमें जल्दी मौत का खतरा करीब 34 फीसदी तक बढ़ जाता है। वहीं जो लोग सात घंटे से कम सोते हैं, उनके मामले में ये खतरा मानसिक स्वास्थ्य पर निर्भर करता है।
इस स्टडी के लिए करीब 2.4 लाख वयस्कों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया, जो यूके बायोबैंक में दर्ज हैं। इन सभी की उम्र 38 से 73 साल के बीच थी और इनका लंबे समय तक फॉलोअप किया गया। रिसर्च के दौरान नींद की मात्रा, जीवनशैली, मानसिक हालत और मौत के मामलों पर गहराई से नजर रखी गई।
रिसर्चर्स के मुताबिक, नींद की कमी और अधिकता दोनों ही मानसिक बीमारियों जैसे डिप्रेशन, तनाव और चिंता से जुड़ी पाई गईं। जब इंसान मानसिक रूप से कमजोर होता है, तो उसका असर उसकी दिनचर्या, शरीर और सेहत पर साफ नजर आता है। यही कारण है कि मौत का खतरा बढ़ जाता है।
चिकित्सकों की मानें तो नींद का सही संतुलन बेहद जरूरी है। न कम सोएं और न जरूरत से ज्यादा। सात से नौ घंटे की नींद न सिर्फ दिमाग को तरोताजा रखती है, बल्कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता, दिल की सेहत और मेटाबॉलिज्म को भी संतुलित रखती है। कम नींद से जहां ब्लड प्रेशर, हार्मोन असंतुलन और सूजन जैसी दिक्कतें हो सकती हैं, वहीं बहुत ज्यादा नींद शरीर को सुस्त बनाकर मोटापे और हार्ट डिजीज की वजह बन सकती है।
डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट केवल जानकारी के उद्देश्य से तैयार की गई है। इसमें दी गई बातों को चिकित्सकीय सलाह न मानें। अपनी सेहत से जुड़ी किसी भी परेशानी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
