यूपी में 20 शिक्षकों की सेवा की गई समाप्त, जाने क्या है वजह, 8 साल पहले की गई थी नियुक्ति

उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती मामले में प्रयागराज हाई कोर्ट के आदेश के बाद एक बड़ी कार्रवाई की गई है। कोर्ट के आदेशों का…

n6664670541748636488497c4bcbf7e64fa48ada0bd4e24784905cd367872143ab92987f5412a8f94533598

उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती मामले में प्रयागराज हाई कोर्ट के आदेश के बाद एक बड़ी कार्रवाई की गई है। कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए कुशीनगर जिले में 20 शिक्षकों को तुरंत निलंबित कर दिया गया।


इन शिक्षकों पर दस्तावेज में अंक बढ़ाने और शैक्षणिक योग्यता त्रुटियों के गंभीर आरोप हैं।प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2018 में जारी किए 69000 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में तीन चरणों में 2209 शिक्षक तैनात किए गए थे।

इसी दौरान बीटीसी 2015 बैच के कुछ अभ्यर्थियों ने बैक पेपर के बावजूद फर्जी मेरिट के आधार पर इसमें आवेदन किया था। बाद में जब उनके अंतिम अंक आए थे तो वह निश्चित किए गए मेरिट से कम निकले।


भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी की शिकायत के बाद कुछ अभ्यर्थी हाईकोर्ट पहुंचे। कोर्ट के आदेश पर सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद सुरेंद्र तिवारी ने 9 मई को निर्देश जारी कर शिक्षकों की मेरिट सूची और शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच के आदेश दिए।


इस पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) डॉ. राम जियावन मौर्य ने कार्रवाई करते हुए 20 शिक्षकों को अयोग्य पाते हुए बर्खास्त कर दिया।


इस कार्रवाई के बाद जिले के बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। अन्य जिलों में भी ऐसे मामलों की जांच के आदेश दिए गए है, जिससे 69 हजार शिक्षक भर्ती के तहत तैनात शिक्षकों में चिंता का माहौल है।


BSA डॉ. राम जियावन मौर्य ने बताया कि 69 हजार भर्ती के तहत जिले में चयनित 20 शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता और मेरिट सूची में असमानता पाई गई है। सचिव के आदेश के अनुपालन में इन सभी को बर्खास्त कर दिया गया है।