अल फलाह यूनिवर्सिटी की मान्यता पर उठे गंभीर सवाल , ईडी की जांच में चार सौ पंद्रह करोड़ की गड़बड़ी आई सामने

फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी पिछले कुछ दिनों से सवालों के घेरे में है । यहां से उठ रहे शक इतने बढ़ गए कि ईडी…

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फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी पिछले कुछ दिनों से सवालों के घेरे में है । यहां से उठ रहे शक इतने बढ़ गए कि ईडी ने सीधे चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी को गिरफ्तार कर लिया । मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मंगलवार की शाम ईडी की टीम ने उन्हें पकड़ा और फिर कोर्ट में पेश करते हुए कस्टडी मांग ली । अब जवाद को तेरह दिन की रिमांड पर भेज दिया गया है ।

इस यूनिवर्सिटी को लेकर ईडी का कहना है कि यहां करोड़ों रुपये का खेल हुआ है । जांच में पता चला कि यूनिवर्सिटी और उसके ट्रस्ट ने करीब चार सौ पंद्रह करोड़ रुपये का हिसाब गलत तरीके से दिखाया है । अभ्यार्थियों के परिवारों को मान्यता के नाम पर गलत जानकारी देकर उनसे भारी रकम ली गई है । ईडी ने 2014 से लेकर 2024 तक के आयकर रिकॉर्ड खंगाले और उनमें कई गड़बड़ियां पकड़ में आईं ।

ईडी ने अदालत को बताया कि जवाद सिद्दीकी को इसलिए कस्टडी में लेना जरूरी है क्योंकि फीस स्ट्रक्चर , डोनेशन , फंड फ्लो , बेनामी संपत्ति और अवैध पैसे की जांच में उनकी भूमिका साफ करनी है । एजेंसी का कहना है कि जवाद का ट्रस्ट पर काफी दबदबा है और अगर उन्हें बाहर रखा गया तो वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं । अदालत ने यह दलील मानते हुए ईडी को तेरह दिन की रिमांड दे दी है ।

यह मामला सिर्फ आर्थिक घोटाले तक सीमित नहीं है । दस नवंबर को जम्मू कश्मीर पुलिस ने अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े कुछ लोगों को पकड़कर भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किए थे । इसके बाद दिल्ली में लाल किले के सामने धमाका हुआ और उसके तार भी इसी यूनिवर्सिटी से जुड़े मिले । इस पूरे मामले को गंभीर मानते हुए गृह मंत्रालय ने जांच एनआईए को सौंप दी है । अब आर्थिक हेराफेरी और टेरर कनेक्शन दोनों पहलुओं पर एजेंसियां लगातार काम कर रही हैं ।