पब्लिक सेक्टर के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने कस्टमर के लिए तत्काल भुगतान सेवा ट्रांजैक्शन में संशोधन किया है जो 15 अगस्त 2025 से लागू होगा । ये बदलाव ऑनलाइन और ब्रांच लेनदेन दोनों पर प्रभावी होगा।
हालांकि छोटे ट्रांजैक्शंस को इससे छूट दी गई है सिर्फ बड़े लेनदेन पर ही यह लागू होगा। ऑनलाइन उपयोगकर्ता के लिए ₹25000 से ज्यादा वैल्यू वाले IMPS लेनदेन पर अब शुल्क लगेगा, जबकि इस राशि तक के लेनदेन मुफ्त रहेंगे। इस फैसिलिटी का प्रमुख उद्देश्य ग्रेविटी की संतुष्टि बनाए रखते हुए लगातार सक्रियता रहे।
क्या है IMPS ट्रांजैक्शन?
IMPS भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा दी जाने वाली एक वास्तविक भुगतान सेवा है। इस सेवा से यूजर्स पूरे भारत में पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं ये सर्विस 24 घंटे उपलब्ध होती है जिसमें एसएमएस और आईवीआर को छोड़कर सभी चैनलों पर लेन देन लिमिटेड 5 लख रुपए होता है।
इसका उपयोग मोबाइल बैंकिंग या इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से तुरंत किया जा सकता है। पहले सर्विस के तहत सभी ऑनलाइन लेनदेन मुफ्त से लेकिन अब नए रूल में ₹25000 से ज्यादा पर चार्ज लगेगा ।
कितना लगेगा चार्ज?
25,000 रुपये से अधिक और 1,00,000 रुपये तक की राशि पर 2 रुपये प्लस जीएसटी का शुल्क लगेगा। 1,00,001 रुपये और 2,00,000 रुपये के बीच के लेनदेन के लिए, शुल्क 6 रुपये प्लस जीएसटी होगा और 2,00,001 रुपये और 5,00,000 रुपये के बीच के लेनदेन के लिए, शुल्क 10 रुपये प्लस जीएसटी वसूला जाएगा।
एसबीआई IMPS शुल्क
25,000 रुपये तक फ्री
25001 रुपये – 1,00,000 रुपये पर 2 रुपये + जीएसटी
1,00,001 रुपये – 2,00,000 रुपये पर 6 रुपये + जीएसटी
2,00,001 रुपये – 5,00,000 रुपये पर 10 रुपये + जीएसटी
इन चार्जेज में नहीं कोई बदलाव
ब्रांच से लेनदेन के लिए एसबीआई ने ₹2 + जीएसटी से लेकर ₹20 तक जीएसटी तक मौजूदा चार्ज को बरकरार रखा है। इसका मतलब यह है कि एसबीआई शाखा चैनलों के माध्यम से किए गए ट्रांजैक्शन में कोई बदलाव नहीं है। वहीं कुछ खाताधारक जैसे रक्षा वेतन, पैकेज अर्ध सैनिक वेतन पैकेज और अन्य विशिष्ट वेतन पैकेज वाले ऑनलाइन आईएमपीएस हस्तांतरण के लिए पूरी छूट का लाभ उठाते रहेंगे।
