सलमान खान इन दिनों अपनी नई फिल्म बैटल ऑफ गलवान की शूटिंग में व्यस्त हैं, लेकिन जिस वजह से वह फिर चर्चा में आ गए हैं वह है उनके सेट पर शुरू की गई एक अलग पहल। सलमान ने साफ कर दिया है कि उनकी फिल्मों में अब किसी के लिए अलग थाली नहीं बनेगी, चाहे सामने सुपरस्टार खड़ा हो या कैमरे के पीछे काम करने वाला कोई टेक्नीशियन या फिर सेट संभालने वाले वर्कर्स। हर किसी की प्लेट में वही खाना परोसा जाएगा, वही स्वाद, वही सम्मान। लंबे समय से चल रही सेट पर खाने की ऊंच-नीच को खत्म करने की कोशिश अब फिल्म इंडस्ट्री में एक मिसाल बनती दिख रही है।
सलमान ने इस बदलाव को आगे बढ़ाने के लिए अपने मोबाइल किचन बीइंग हैंग्री को फिर से मैदान में उतारा है। ये वही नाम है जिसके तहत उन्होंने महामारी के दिनों में फूड ट्रक चलाकर पूरे देश के फ्रंटलाइन वर्कर्स तक राशन और पका हुआ खाना पहुँचाया था। अब वही फूड ट्रक अपग्रेड होकर चलते फिरते किचन बन गए हैं। दो बड़ी वैन पूरी तरह से कस्टमाइज करवाई गई हैं, जिनमें गर्म खाना तो तैयार होता ही है, साथ ही कोल्ड स्टोरेज भी लगा है ताकि सारी सामग्री सुरक्षित रहे और एक बार में बड़ी मात्रा में पकवान तैयार किए जा सकें।
फिल्म सेट पर लंबे समय से तीन तरह के खाने का सिस्टम चलता रहा है, एक सितारों के लिए, दूसरा टेक्नीशियन और हेड ऑफ डिपार्टमेंट के लिए, और तीसरा बाकी यूनिट के वर्कर्स के लिए। सलमान को यह अलगाव हमेशा परेशान करता रहा है, इसी वजह से उन्होंने सिकंदर की शूटिंग के वक्त ही नया नियम लागू कर दिया था और अब बैटल ऑफ गलवान के सेट पर भी वही व्यवस्था जारी है। कई लोग कह रहे हैं कि सलमान ने सेट पर उसी तरह वीआईपी कल्चर खत्म कर दिया जैसे पीएम मोदी ने लाल बत्ती वाली गाड़ी खत्म की थी।
बीइंग हैंग्री मोबाइल किचन में दो कुक एक शिफ्ट में खाना बनाते हैं और दाल चावल, मौसमी सब्जियां, फिश करी, सैंडविच, आलू मटर, मेथी की सब्जी से लेकर मटन बिरयानी तक सब कुछ तैयार होता है। एक बार में करीब पांच सौ लोगों का खाना बन जाता है, जिससे पूरी यूनिट को ताजा और अच्छा भोजन मिल पाता है। सलमान इन किचन वैन को सिर्फ अपनी फिल्मों में ही नहीं बल्कि बिग बॉस के सेट पर भी इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि हर व्यक्ति को बराबरी का खाना मिले और कोई खुद को अलग या कमतर महसूस न करे।
