उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण फैसला लिया है। अब राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में कार्य करने वाले शिक्षक 15 दिनों तक के चिकित्सा अवकाश की स्वीकृति का अधिकार संबंधित विद्यालय के प्रधानाचार्य को प्रदान किया गया है।
पहले यह अधिकार प्रधानाचार्य के पास नहीं था और शिक्षकों को चिकित्सा अवकाश के लिए खंड शिक्षा अधिकारी के पास आवेदन करना होता था। इस निर्णय से शिक्षकों को अवकाश की प्रक्रिया में काफी समय लगता था लेकिन अब इस आदेश को विद्यालय शिक्षा सचिव रवि नाथ रमन ने जारी किया है ।
बताया जा रहा है कि राजकीय इंटर कॉलेज में सेवारत प्रवक्ता एवं सहायक अध्यापकों को यदि एक दिन की चिकित्सा अवकाश की जरूरत होती है तो उसकी स्वीकृति के लिए संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी के पास आवेदन करना होता था
विद्यालय शिक्षा सचिव की ओर से माध्यमिक शिक्षा निदेशक को भेजे इस आदेश से हाईस्कूल और इंटर कालेज के 20 हजार से अधिक शिक्षकों को लाभ मिलेगा।
अब शिक्षकों को 15 दिन से अधिक के चिकित्सा अवकाश के लिए मुख्य शिक्षा अधिकारी (सीईओ) के पास आवेदन करना होगा। राजकीय शिक्षक संघ के प्रांत महामंत्री रमेश पैन्यूली ने इस आदेश पर प्रसन्नता व्यक्त की।
उन्होंने बताया कि अब एक से अधिकतम 15 दिनों तक के चिकित्सा अवकाश के लिए शिक्षकों को इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा। विद्यालय प्रधानाचार्य अवकाश की स्वीकृति दे सकेंगे। विशेष कर पहाड़ी क्षेत्रों में शिक्षकों को अकस्मात चिकित्सा अवकाश लेने में कोई भी अड़चन नहीं आएगी।
