उत्तराखंड में धार्मिक पर्यटन को मिलेगी नई उड़ान, त्रियुगीनारायण से लेकर कैंचीधाम तक बन रही बड़ी योजनाएं

त्रियुगीनारायण को अब एक नई पहचान मिलने जा रही है। ये वही जगह है जहां शिव और पार्वती का पौराणिक विवाह हुआ था और अब…

IMG 20250722 181936

त्रियुगीनारायण को अब एक नई पहचान मिलने जा रही है। ये वही जगह है जहां शिव और पार्वती का पौराणिक विवाह हुआ था और अब इसे वैदिक पर्यटन गांव के तौर पर संवारा जाएगा। ये बात खुद पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कही जब उन्होंने सोमवार को देहरादून स्थित पर्यटन विकास परिषद के सभागार में विभागीय योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को साफ तौर पर आदेश दिया कि त्रियुगीनारायण को वैदिक पर्यटन गांव घोषित करने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। उनका कहना था कि ये जगह न सिर्फ धार्मिक तौर पर अहम है बल्कि अब वेडिंग डेस्टिनेशन के तौर पर भी पहचान बना रही है। इसकी खूबसूरती और पौराणिकता को ध्यान में रखते हुए इसका व्यापक प्रचार किया जाएगा।

सतपाल महाराज ने कहा कि अब राज्य में कैंपिंग के जरिए स्थानीय युवाओं को रोजगार देने की भी योजना है। खासतौर से उन इलाकों में जहां ट्रैकिंग रूट और पर्यटन के अच्छे अवसर हैं। साथ ही उन्होंने अधिकारियों से कहा कि मानसखंड मंदिर माला की तर्ज पर अब केदारखंड मंदिर मिशन के लिए भी मास्टर प्लान तैयार किया जाए जिससे धार्मिक पर्यटन को और मजबूती मिले।

समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने नंदा राजजात यात्रा का भी जिक्र किया जो अगले साल होनी है। इसके लिए समय से पहले तैयारियों को पूरा करने और कुरुड़ को भी यात्रा के एक पड़ाव के रूप में शामिल करने की बात कही गई। चारधाम यात्रा को लेकर उन्होंने निर्देश दिए कि इसे लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू की जाए। उन्होंने ये भी कहा कि शीतकालीन चारधाम यात्रा को बढ़ावा देने के लिए अभी से प्रचार प्रसार शुरू किया जाए ताकि यात्रियों की संख्या बढ़े।

कुमाऊं मंडल के पर्यटक आवास गृहों में ईवी चार्जिंग पॉइंट लगाने की बात भी कही गई और साथ ही उन्होंने ये भी साफ कर दिया कि राज्य में जो होटल और रिसॉर्ट बिना पंजीकरण के चल रहे हैं उन पर सख्ती से अभियान चलाया जाए और उन्हें नियमों के दायरे में लाया जाए।

पर्यटन मंत्री ने जानकारी दी कि राज्य में अब तक कुल छियालीस हजार छह सौ छिहत्तर लाख की योजनाओं को मंजूरी मिल चुकी है। जिनमें महासू देवता मंदिर हनोल में वीआईपी लॉन्ज धर्मशाला यज्ञशाला और दुकानों समेत कई निर्माण कार्य शामिल हैं जिन पर दो हजार दो सौ छियालीस लाख से ज्यादा खर्च किया जा रहा है। इसी तरह मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत अट्ठाइस मंदिरों को चुना गया है और पहले चरण में सोलह मंदिरों में अवस्थापना विकास के लिए इक्यावन करोड़ से ज्यादा की राशि जारी की जा चुकी है।

कैंचीधाम परिसर विकास योजना के तहत भी चालीस करोड़ से ज्यादा की परियोजनाओं पर काम चल रहा है। वहीं केंद्र सरकार की ओर से चैलेंज आधारित डेस्टिनेशन डेवलपमेंट योजना के तहत सत्रह करोड़ से ज्यादा की स्वीकृति मिल चुकी है। उत्तराखंड में डेस्टिनेशन वेडिंग को बढ़ावा देने के लिए वेड इन उत्तराखंड दो हजार पच्चीस नाम से एक नई योजना शुरू की गई है जिसके तहत थानों टिहरी त्रियुगीनारायण और ऋषिकेश में विशेष विकास योजनाएं बनाई गई हैं।