22 सितंबर से लोगों को राहत मिलने वाली है। इस तारीख से दवा मेडिकल उपकरण ऑटोमोबाइल और एफएमसीजी से जुड़ी वस्तुओं की कीमतें कम हो जाएंगी। सरकार ने साफ कहा है कि कंपनियां किसी भी हाल में जीएसटी कटौती का फायदा उपभोक्ताओं को दें। तीन सितंबर को हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में सत्तर से ज्यादा दवाओं पर टैक्स घटाने या उन्हें पूरी तरह टैक्स से बाहर करने का फैसला लिया गया था। इसी तरह मेडिकल उपकरण और हेल्थ सेवाओं पर लगने वाला टैक्स भी घटा दिया गया है।
अब तक जिन दवा और उपकरणों पर बारह प्रतिशत जीएसटी लगता था उन पर सिर्फ पांच प्रतिशत टैक्स लगेगा। हालांकि दवा कंपनियां कह रही थीं कि इतने कम समय में पुराने स्टॉक और एमआरपी बदलना मुश्किल है। इसके बावजूद नेशनल फार्मास्युटिकल्स प्राइसिंग अथॉरिटी ने साफ निर्देश दिए हैं कि उपभोक्ताओं को हर हाल में नई दरों का लाभ 22 सितंबर से मिलना चाहिए। कंपनियों को कहा गया है कि वे विज्ञापन के जरिये डीलरों और दुकानदारों को इस बारे में सूचना दें और नई कीमतें 22 सितंबर से पहले उन्हें भेज दी जाएं।
इंश्योरेंस क्षेत्र में भी उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर अभी तक 18 प्रतिशत जीएसटी लिया जाता था जिसे अब पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। कई बीमा कंपनियां ग्राहकों को पहले ही इस राहत का लाभ देना शुरू कर चुकी हैं। 22 सितंबर के बाद शुरू होने वाले इंश्योरेंस पर ग्राहकों को जीएसटी नहीं देना होगा। लेकिन अगर पॉलिसी 22 सितंबर से पहले एक्टिव हो रही है तो पुराने टैक्स की दरें ही लागू रहेंगी।
बीमा का नवीनीकरण भी अब सस्ता हो जाएगा। अगर किसी की पॉलिसी 22 सितंबर के बाद रिन्युअल होनी है तो उस पर टैक्स नहीं लगेगा। लेकिन अगर पॉलिसी की तारीख 22 सितंबर से पहले की है और ग्राहक बाद में भुगतान करता है तो जीएसटी देना ही पड़ेगा। कुल मिलाकर 22 सितंबर से दवा उपकरण और बीमा समेत कई जरूरी सेवाओं और वस्तुओं पर टैक्स घटने से लोगों को सीधी राहत मिलने जा रही है।
