नई दिल्ली। वर्तन निदेशालय (ED) ने रिलायंस अनिल अंबानी ग्रुप ऑफ कंपनीज के मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) और कार्यकारी निदेशक अशोक कुमार पाल को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी 68.2 करोड़ रुपए की फर्जी बैंक गारंटी से जुड़े घोटाले के सिलसिले में की गई है। सूत्रों के मुताबिक, अशोक पाल को गुरुवार देर रात दिल्ली स्थित उनके दफ्तर से पूछताछ के बाद हिरासत में लिया गया।
ED के मुताबिक, यह मामला फर्जी बैंक गारंटी बनाकर सरकारी संस्थाओं को सौंपने से जुड़ा है। जांच में सामने आया है कि ओडिशा की एक कंपनी ‘बिस्वाल ट्रेडलिंक प्राइवेट लिमिटेड’ आठ फीसदी कमीशन लेकर नकली बैंक गारंटी तैयार कर रही थी। यह कंपनी सिर्फ कागजों में मौजूद थी और इसका कोई वास्तविक कारोबार नहीं था। बताया जा रहा है कि रिलायंस की कंपनियों की तरफ से सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) को 68.2 करोड़ रुपए की फर्जी बैंक गारंटी दी गई थी।
इस धोखाधड़ी में अपराधियों ने बड़ी चालाकी दिखाई। उन्होंने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के नकली ईमेल पते तैयार किए। असली पता ‘sbi.co.in’ होता है, जबकि उन्होंने ‘s-bi.co.in’ जैसा मिलता-जुलता ईमेल आईडी बनाकर इसका इस्तेमाल किया ताकि ईमेल असली लगे।
ED अब यह जांच कर रही है कि अशोक कुमार पाल को इस फर्जी गारंटी की जानकारी थी या नहीं, और क्या उन्होंने इसके निर्माण या भेजने में कोई भूमिका निभाई। उनकी गिरफ्तारी अनिल अंबानी के बिजनेस साम्राज्य के लिए एक और बड़ा झटका मानी जा रही है, जो पहले से ही कई वित्तीय और कानूनी मुश्किलों से जूझ रहा है।
