अलवर से एक ऐसी खौफनाक खबर सामने आई है जिसे सुनकर दिल कांप उठे। राजस्थान के मुंडावर इलाके के सरायकलां गांव में छह साल के मासूम लोकेश की जान सिर्फ इसलिए ले ली गई क्योंकि उसका सगा चाचा उसे तांत्रिक के कहने पर बलि देना चाहता था।
मामला तब खुला जब बच्चा 19 जुलाई को अचानक घर से गायब हो गया। परिजन और गांव वाले उसे इधर उधर ढूंढते रहे लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। आखिरकार उसका शव गांव के ही एक सूने मकान में भूसे के ढेर में छिपा मिला। गले पर दबाव के गहरे निशान देखकर पुलिस को शक हुआ और जब शक के घेरे में आए चाचा मनोज से पूछताछ की गई तो पूरा सच बाहर आ गया।
चाचा मनोज ने पुलिस के सामने जो बताया वो सुनकर हर कोई सन्न रह गया। उसने कबूल किया कि उसने ही लोकेश को अकेले में बहला फुसलाकर उस सुनसान मकान में ले जाकर गला दबाकर मार डाला। इसके बाद वह उसके शरीर से इंजेक्शन के जरिए खून निकालने की कोशिश करता रहा ताकि बाद में उसका कलेजा निकाल सके। लेकिन इससे पहले कि वो कुछ और करता परिजन और पुलिस वहां पहुंच गए।
इस जघन्य हत्या के पीछे की वजह और भी हैरान करने वाली है। मनोज की पत्नी गीता कुछ वक्त पहले उसे छोड़कर मायके चली गई थी। नशे और रोज के झगड़ों से तंग आकर गीता ने उसका साथ छोड़ दिया था। पत्नी को वापस लाने के लिए मनोज ने किसी समझदारी भरे रास्ते की जगह अंधविश्वास को चुना और एक तांत्रिक के चक्कर में पड़ गया।
तांत्रिक सुनील नाम के शख्स ने मनोज से बारह हजार रुपये लिए और कहा कि अगर वह एक मासूम का ताजा खून और कलेजा चढ़ावे में चढ़ाएगा तो उसकी पत्नी वापस लौट आएगी। इसी के बाद मनोज ने अपने ही भाई के बेटे लोकेश को मारने की साजिश रची।
गांव में अब मातम पसरा है। लोकेश की मां बार बार बेसुध हो रही हैं। बहन देवांशी ने बताया कि चाचा ही उसे घर से बाहर ले गया था। पुलिस ने अब मनोज और तांत्रिक सुनील दोनों को गिरफ्तार कर लिया है।
यह पूरा मामला उस डरावने अंधविश्वास की तस्वीर पेश करता है जो आज भी कई गांवों और कस्बों में लोगों की सोच पर हावी है। रिश्तों का कत्ल तब हो जाता है जब इंसानियत की जगह झूठे तांत्रिकों की बातें दिमाग पर हावी हो जाती हैं।
