इस बैंक पर RBI की बड़ी कार्रवाई, लाइसेंस रद्द होने के बाद खाताधारकों में मचा हड़कंप

भारतीय रिजर्व बैंक ने कर्नाटक के करवार अर्बन को ऑपरेटिव बैंक पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उसका लाइसेंस रद्द कर दिया है। अब ये बैंक…

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भारतीय रिजर्व बैंक ने कर्नाटक के करवार अर्बन को ऑपरेटिव बैंक पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उसका लाइसेंस रद्द कर दिया है। अब ये बैंक आगे किसी तरह का बैंकिंग काम नहीं कर पाएगा। आरबीआई ने ये फैसला बैंक की खराब माली हालत को देखते हुए लिया है।

आरबीआई का कहना है कि बैंक के पास ना तो जरूरी पूंजी बची है और ना ही ऐसा कोई आसार है कि वो आने वाले समय में ठीक हो सकेगा। ऊपर से उसकी हालत ऐसी हो गई थी कि वो अपने ग्राहकों को उनकी जमा पूरी तरह लौटा भी नहीं सकता था। ऐसे में अगर बैंक को चलने दिया जाता तो इससे लोगों का नुकसान होता।

बैंक का लाइसेंस रिजर्व बैंक ने 22 जुलाई 2025 को रद्द किया है। अब कर्नाटक के सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार से कहा गया है कि बैंक को पूरी तरह बंद करने की कार्रवाई शुरू की जाए और उसके लिए एक लिक्विडेटर भी तय किया जाए जो बंदी की प्रक्रिया को संभाले।

इस फैसले का सीधा असर उन लोगों पर पड़ा है जिनका खाता इस बैंक में था। हालांकि उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन की स्कीम के तहत हर खाताधारक को अधिकतम पांच लाख रुपये तक की रकम लौटाई जाएगी।

बैंक के बंद होने की तारीख पर किसी ग्राहक के खाते में जो भी रकम जमा थी वो चाहे सेविंग में हो फिक्स्ड डिपॉजिट में या चालू खाते में हो उसमें से ब्याज मिलाकर पांच लाख तक की रकम इंश्योर्ड होती है। यानी अगर किसी के खाते में पांच लाख या उससे कम की रकम थी तो उसे पूरी राशि मिल जाएगी। और अगर इससे ज्यादा थी तो पांच लाख तक का भुगतान तय सीमा के अनुसार मिलेगा।

आरबीआई के इस कदम से यह साफ हो गया है कि अगर कोई बैंक जनता की जमा पूंजी की सुरक्षा नहीं कर सकता तो उसे चलाने की इजाजत नहीं दी जा सकती। करवार अर्बन को ऑपरेटिव बैंक अब इतिहास बन चुका है और ग्राहकों को अब अपनी रकम के लिए इंश्योरेंस सिस्टम का सहारा लेना होगा।