GST 2.0 सुधारों के बाद RBI से मिल सकती है राहत, लोन की किश्तें होंगी कम

नई दिल्ली। देश में महंगाई दर लगातार कम होती जा रही है और अब यह ऐतिहासिक निचले स्तर के करीब पहुंच चुकी है। इसी बीच…

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नई दिल्ली। देश में महंगाई दर लगातार कम होती जा रही है और अब यह ऐतिहासिक निचले स्तर के करीब पहुंच चुकी है। इसी बीच स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर भारतीय रिजर्व बैंक सितंबर में ब्याज दरों में कटौती करता है तो यह सही कदम होगा। इससे आम लोगों को सीधा फायदा मिलेगा क्योंकि लोन की ईएमआई सस्ती हो सकती है।

एसबीआई की ग्रुप चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर डॉ सौम्या कांति घोष के अनुसार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई और नीचे जा सकती है। उन्होंने कहा कि जीएसटी में हाल के सुधार से सितंबर और अक्टूबर में महंगाई 65 से 75 आधार अंक और घट सकती है। अक्टूबर में महंगाई 1.1 प्रतिशत तक आने की संभावना है जो 2004 के बाद सबसे कम होगी। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि बिना किसी अतिरिक्त कदम के ही सितंबर और अक्टूबर में महंगाई 2 प्रतिशत से नीचे जा रही है। वित्त वर्ष 2026 और 2027 के दौरान भी महंगाई आरबीआई के तय दायरे के निचले स्तर पर बनी रह सकती है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2019 में जब कुछ सामानों पर जीएसटी दर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत की गई थी तब महंगाई केवल दो महीनों में 35 आधार अंक कम हो गई थी। डॉ घोष का कहना है कि नए आंकड़ों के अनुसार महंगाई में और 20 से 30 आधार अंक की कमी आने की संभावना है। इस आधार पर देखा जाए तो सितंबर में आरबीआई के लिए दर कटौती करना पूरी तरह उचित होगा।

आरबीआई ने अगस्त में ब्याज दर 5.50 प्रतिशत पर बनाए रखी थी लेकिन 29 सितंबर से शुरू होने वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक में दर कटौती को लेकर बड़ा फैसला लिया जा सकता है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जून के बाद दर घटाने के मानक और सख्त हो गए हैं इसलिए आरबीआई को संतुलित तरीके से नीति जनता और बाजार तक पहुँचानी होगी। अगर इस मौके पर दर नहीं घटाई गई तो यह गलती मानी जाएगी क्योंकि महंगाई लंबे समय तक नियंत्रण में रह सकती है।

कुल मिलाकर महंगाई में गिरावट, जीएसटी सुधार और स्थिर आर्थिक माहौल को देखते हुए सितंबर में ब्याज दर घटाने से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी और लोन सस्ता होगा साथ ही आरबीआई की छवि भी एक दूरदर्शी केंद्रीय बैंक के रूप में मजबूत होगी