हिमाचल में बारिश बनी मुसीबत, मकान ढहे सड़कें बंद पानी का संकट और जान पर बना खतरा

हिमाचल प्रदेश में बारिश ने तबाही मचा दी है । सोमवार को मौसम विभाग ने चार जिलों कांगड़ा सोलन सिरमौर और मंडी में रेड अलर्ट…

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हिमाचल प्रदेश में बारिश ने तबाही मचा दी है । सोमवार को मौसम विभाग ने चार जिलों कांगड़ा सोलन सिरमौर और मंडी में रेड अलर्ट जारी किया है जबकि बाकी इलाकों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है । रात करीब दो बजे रामपुर के सरपारा पंचायत में बादल फटने से सिकासेरी गटूला जगह पर जबरदस्त नुकसान हुआ है । राजेंद्र कुमार के दो कुटार एक कमरा और किचन पूरी तरह मलबे में दब गए हैं वहीं विनोद कुमार की एक गाय और खूड बह गया है जबकि गोपाल सिंह का खूड और गाय भी तेज बहाव में समा गए हैं । प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई है और नुकसान का आंकलन किया जा रहा है ।

शिमला मौसम केंद्र की चेतावनी को देखते हुए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सोमवार को इन चार जिलों के स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद रखने के आदेश दिए हैं । वहीं मनाली और बंजार उपमंडल में भी स्कूल और अन्य शिक्षण संस्थान बंद कर दिए गए हैं । सिरमौर और कांगड़ा में भी सभी स्कूल सोमवार को नहीं खुले । पूरे प्रदेश में पांच जुलाई तक यलो अलर्ट जारी किया गया है ।

शनिवार रात से हो रही लगातार बारिश ने अब तक तीन नेशनल हाईवे और 129 से ज्यादा सड़कें बंद कर दी हैं । अब तक प्रदेश में मानसून के चलते 39 लोगों की जान जा चुकी है । बारिश की वजह से कांगड़ा शिमला और कुल्लू एयरपोर्ट से सारी उड़ानें रद्द करनी पड़ीं । 612 ट्रांसफार्मर बंद हो गए हैं और छह पेयजल योजनाएं ठप पड़ी हैं । कालका शिमला रेल ट्रैक भी मलबा गिरने की वजह से रुक गया जिससे चार ट्रेनें रद्द करनी पड़ीं और बाकी की आवाजाही भी बाधित रही ।

शिमला शहर के भट्टाकुफर इलाके में सोमवार सुबह एक पांच मंजिला मकान पूरी तरह से ढह गया । रात में इसे खाली करवा लिया गया था इसलिए कोई जान का नुकसान नहीं हुआ लेकिन मकान पूरी तरह से जमींदोज हो गया । आसपास के तीन चार और मकान भी खतरे में हैं जिन्हें प्रशासन ने खाली करवा लिया है । पार्षद नरेंद्र ठाकुर ने बताया कि फोरलेन निर्माण के चलते जमीन कमजोर हो गई थी जिससे ये हादसा हुआ ।

उधर संजौली में भी भूस्खलन की वजह से मकान में मलबा घुस गया जिससे मां और बेटी घर के अंदर घंटों फंसी रहीं । सिरमौर के मोगीनंद में मलबा दो उद्योगों के गोदाम में घुस गया और कच्चा माल बर्बाद हो गया । चंबा के नैणीखड्ड के पास हाईवे दो घंटे बंद रहा जबकि बीबीएन में फ्लाईओवर के नीचे अस्थायी पुलिया बह गई जिससे पिंजौर बद्दी सड़क पर आवाजाही रुक गई । बरोटीवाला बग्गूवाला सड़क भी खड्ड पर बनी पुलिया बहने से बंद हो गई है ।

शहर में जगह जगह भूस्खलन से छह मकानों को खतरा हो गया है और छह गाड़ियां मलबे में दब गई हैं । संजौली मैहली बीसीएस और भट्टाकुफर समेत कई इलाकों में मकानों की नींव पर बने डंगे टूट गए हैं जिससे बड़ी दुर्घटनाओं की आशंका है । कई मकानों के आसपास पेड़ भी गिर चुके हैं और बाकी जगहों पर अभी खतरा बना हुआ है ।

शहर में जल संकट भी गहरा गया है । गुम्मा गिरि और कोटी बरांडी समेत कई पेयजल योजनाएं बंद हो गई हैं जिससे शिमला के कई जोनों में तीसरे दिन भी पानी की आपूर्ति नहीं हो पाई है । पानी की टंकियां रविवार सुबह ही खाली हो चुकी थीं । गाद के कारण सप्लाई रोकनी पड़ी है और लोगों को चौथे दिन भी पानी नहीं मिल पाएगा इसका डर बना हुआ है ।

मंडी जिले के जंजैहली उपमंडल में भी बारिश ने भारी तबाही मचाई है । लोक निर्माण विभाग की 14 सड़कों को भूस्खलन और मलबे ने बुरी तरह से नुकसान पहुंचाया है । इन सड़कों को ठीक करने में करीब 55 लाख रुपये लगने का अनुमान है । मंडी चैल जंजैहली लंबाथाच शिलबागी और थुनाग बन्याड जैसी मुख्य सड़कें पूरी तरह बंद हैं । पीडब्ल्यूडी की टीमें जेसीबी से मलबा हटाने में लगी हैं लेकिन लगातार बारिश की वजह से काम धीमा पड़ रहा है ।

कांगड़ा जिले के जयसिंहपुर में ब्यास नदी में फंसी दसलूं गांव की तीन महिलाओं को तीन घंटे की मशक्कत के बाद प्रशासन ने सुरक्षित रेस्क्यू किया है । ये महिलाएं तीन दिन पहले छोड़ी गई अपनी भैंसों को लेने नदी के बीच बने टापू पर गई थीं लेकिन अचानक पानी का स्तर बढ़ गया और वो फंस गईं । नाव की मदद से उन्हें बाहर निकाला गया । प्रशासन ने दोबारा नदी किनारे न जाने की सख्त चेतावनी दी है और कहा है कि अब अगर कोई नहीं मानेगा तो उस पर कार्रवाई की जाएगी ।

राजधानी शिमला में भारी नुकसान होते देख नगर निगम ने सोमवार से शहर में किसी भी तरह की खोदाई पर रोक लगाने का फैसला लिया है । महापौर ने खुद शहर का दौरा कर अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जहां जहां निर्माण कार्यों से खतरा है वहां तुरंत रोक लगाई जाए । पिछले कुछ दिनों से शहर में हो रहे खोदाई कार्यों से काफी नुकसान हुआ है और कई मकानों को खतरा पैदा हो गया है । अब निगम खुद दिशा निर्देश जारी करेगा और किसी भी तरह की लापरवाही पर सख्त कार्रवाई होगी ।