जम्मू कश्मीर में इन दिनों लगातार बारिश आफत बनकर टूट रही है। जगह जगह तबाही के हालात हैं। रियासी जिले के महोर इलाके में शनिवार तड़के बादल फटने के बाद भारी भूस्खलन हुआ जिसने एक घर को अपनी चपेट में ले लिया। अचानक पहाड़ से गिरे मलबे ने मकान को ढहा दिया और अंदर सो रहा पूरा परिवार दब गया।
स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि इस हादसे में परिवार के सातों लोगों की मौके पर ही जान चली गई। मलबा हटाने और शवों को निकालने में करीब तीन से चार घंटे का वक्त लगा। महोर के एसडीपीओ वकार यूनुस ने जानकारी दी कि हादसा सुबह करीब तीन बजे हुआ। बादल फटने से अचानक तेज बारिश शुरू हो गई और मलबे के बहाव में घर जमींदोज हो गया। उन्होंने कहा कि पूरा परिवार मलबे में दब गया था। सुबह होते होते रेस्क्यू टीम ने सभी शव बरामद कर लिए।
इसी तरह रामबन जिले के राजगढ़ गांव में भी बादल फटने से हालात बिगड़े। यहां अचानक आई बाढ़ में तीन लोगों की मौत हो गई और दो लोग लापता बताए जा रहे हैं। मरने वालों में दो महिलाएं भी शामिल हैं। इलाके में राहत बचाव अभियान जारी है लेकिन खराब मौसम से दिक्कतें बढ़ गई हैं।
बादल फटने और भारी बारिश का असर जम्मू कश्मीर के दूसरे हिस्सों में भी साफ दिख रहा है। रेल सेवाएं पूरी तरह अस्तव्यस्त हो गई हैं। उत्तर रेलवे ने 30 अगस्त को जम्मू कटरा और उधमपुर से चलने वाली 46 ट्रेनों को रद्द कर दिया है। इससे पहले 29 अगस्त को भी 40 ट्रेनें रद्द की जा चुकी थीं। अधिकारियों ने बताया कि लगातार बारिश और बाढ़ से कई जगह ट्रैक टूट गए हैं। कठुआ और उधमपुर के बीच रेल यातायात फिलहाल बंद है।
उत्तराखंड और हिमाचल में भी लगातार बारिश और भूस्खलन से भारी नुकसान हुआ है। पहाड़ी राज्यों में आपदा जैसी स्थिति बनी हुई है और लोग डरे सहमे हैं।
