हिमाचल में बारिश का कहर इस बार शुरू होते ही लोगों की जान पर बन आया है। पहाड़ों में बादल फटने से लेकर भूस्खलन और तेज बहाव वाली बारिश ने अब तक बहुत कुछ तबाह कर दिया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जानकारी दी कि बरसात शुरू होने के बाद से अब तक उनहत्तर लोगों की मौत हो चुकी है। सैंतीस लोग अभी भी लापता हैं और करीब एक सौ दस लोग अलग अलग घटनाओं में घायल हुए हैं।
सरकारी आकलन के मुताबिक अब तक सात सौ करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। सड़कें टूटी हैं। पानी की लाइनें बह गई हैं। बिजली के पोल गिर चुके हैं और सप्लाई पूरी तरह बिगड़ गई है। कई जगहों पर तो लोगों को अंधेरे में ही दिन काटने पड़ रहे हैं। सरकार के मुताबिक अब तक चौदह बार बादल फटने की घटनाएं हो चुकी हैं जिसने जनजीवन को पूरी तरह अस्त व्यस्त कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस विषय पर उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बातचीत की है और केंद्र सरकार ने हर तरह की मदद का भरोसा दिया है। इसके साथ ही एक टीम भी आज हालात का जायजा लेने के लिए हिमाचल पहुंची है। प्रशासन को उम्मीद है कि जल्द ही राहत और बचाव का दायरा और तेज होगा।
राज्य सरकार ने एक और जानकारी दी है कि शिमला में बागवानी कॉलेज में फंसे बानवे छात्रों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है। जिनके घर तबाह हो चुके हैं उन्हें पांच हजार रुपये किराए की मदद देने का ऐलान भी किया गया है ताकि वो कहीं और रह सकें। खुद मुख्यमंत्री का कहना है कि सरकार हर परिवार के साथ खड़ी है। मंत्री और अधिकारी अलग अलग जिलों में जाकर हालात पर नजर रखे हुए हैं और राहत के काम लगातार जारी हैं।
बरसात का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है और हिमाचल में हर रोज नए संकट खड़े हो रहे हैं। लोग डरे हुए हैं। मौसम विभाग की चेतावनी के बाद अब प्रशासन को दिन रात चौकसी बरतनी पड़ रही है। और ऐसे में सरकार पर दबाव भी बढ़ गया है कि वो वक्त रहते हर ज़रूरी कदम उठाए।