देहरादून। तीन दिन के उत्तराखंड दौरे पर पहुंची राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रविवार को हरिद्वार और देहरादून में कई कार्यक्रमों में शामिल हुईं। सोमवार सुबह करीब ग्यारह बजे वह विधानसभा के विशेष सत्र में पहुंचीं, जहां उन्होंने राज्य के गठन के पच्चीस साल पूरे होने पर जनता और विधायकों को बधाई दी।
उन्होंने कहा कि दो हजार में जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे, तब उत्तराखंड को जनता की इच्छा के मुताबिक अलग राज्य बनाया गया था। तब से अब तक इस प्रदेश ने पर्यावरण, ऊर्जा, पर्यटन, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे कई क्षेत्रों में शानदार तरक्की की है। उन्होंने कहा कि डिजिटल और सड़क दोनों तरह की कनेक्टिविटी में भी राज्य ने बड़ा काम किया है, जिससे लोगों की जिंदगी आसान हुई है और विकास का स्तर ऊपर गया है।
अपने करीब आधे घंटे के संबोधन में राष्ट्रपति ने सबसे ज्यादा जोर महिलाओं की बात पर दिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की महिलाएं राज्य की ताकत हैं। यहां की बेटियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। सुशीला बलूनी, बछेंद्री पाल, गौरा देवी, राधा भट्ट और वंदना कटारिया जैसी महिलाओं ने राज्य का नाम रोशन किया है। उन्होंने कहा कि ये सभी प्रेरणा देने वाली शख्सियत हैं और आने वाली पीढ़ियां इनसे सीख लेंगी।
राष्ट्रपति ने विधानसभा की पहली महिला अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि यह उत्तराखंड के गौरव की बात है और उम्मीद जताई कि आने वाले वक्त में विधानसभा में और भी महिलाएं बड़ी जिम्मेदारी निभाएंगी।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सिर्फ देवभूमि नहीं बल्कि वीरभूमि भी है। यहां के नौजवान देश की सेवा के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। कुमाऊं और गढ़वाल रेजिमेंट के जांबाजों पर देश को गर्व है। उन्होंने कहा कि इस मिट्टी में अध्यात्म और शौर्य दोनों एक साथ बसे हैं।
समान नागरिक संहिता को लेकर उन्होंने कहा कि उत्तराखंड ने जो कदम उठाया है, वह संविधान की भावना के मुताबिक है। उन्होंने लोकायुक्त, भूमि सुधार और नकल विरोधी कानूनों की भी तारीफ की और कहा कि ये फैसले जनता के हित में लिए गए हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि विधायक जनता की सेवा निष्ठा से करें। जनता और प्रतिनिधि के बीच भरोसा तभी मजबूत होता है जब काम ईमानदारी से हो। उन्होंने युवाओं को नए अवसर देने और गरीब तबकों के विकास पर भी जोर दिया।
उन्होंने विधानसभा में ई विधान प्रणाली की शुरुआत को भी सराहा और कहा कि इससे कामकाज में पारदर्शिता बढ़ी है और दूसरे राज्यों की अच्छी नीतियों को अपनाने में मदद मिलेगी।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि उत्तराखंड की खूबसूरती और प्राकृतिक संपदा इसकी पहचान है। विकास के रास्ते पर चलते हुए इस धरोहर को भी बचाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि राज्य की पच्चीस साल की यात्रा जनता और विधायकों के सामूहिक प्रयासों का नतीजा है।
अपने संबोधन के अंत में उन्होंने कहा कि उन्हें भरोसा है कि राष्ट्र सर्वोपरि की भावना के साथ उत्तराखंड आगे बढ़ेगा और आने वाले सालों में नई ऊंचाइयां छुएगा। उन्होंने राज्यवासियों के उज्जवल भविष्य की कामना की।
