प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना का पोर्टल लॉन्च, युवाओं को मिलेगा रोजगार और सोशल सिक्योरिटी का लाभ

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना का पोर्टल सोमवार को शुरू कर दिया गया है। श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने इसकी जानकारी…

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना का पोर्टल सोमवार को शुरू कर दिया गया है। श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने इसकी जानकारी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इस योजना की घोषणा की थी।

मांडविया ने बताया कि प्राइवेट सेक्टर में पहली नौकरी पाने वाले युवाओं को इस योजना का लाभ लेने के लिए उमंग ऐप (Umang App) पर फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नॉलजी के जरिए यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) जेनरेट करना होगा। वहीं नियोक्ता pmvbry.epfindia.gov.in या pmvbry.labour.gov.in पोर्टल पर वन-टाइम रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में बड़ा कदम है। इसके लिए करीब 1 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जिससे साढ़े तीन करोड़ युवाओं को रोजगार और सोशल सिक्योरिटी का लाभ मिलेगा।

केंद्र सरकार ने इस योजना को 1 जुलाई 2025 को मंजूरी दी थी। 25 जुलाई को मंत्रालय की ओर से बताया गया था कि योजना का लाभ 1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 तक बनने वाले रोजगार अवसरों पर लागू होगा। इसके लिए 99,446 करोड़ रुपये के आवंटन को मंजूरी मिली है।

कितना मिलेगा फायदा
इस योजना को दो हिस्सों में बांटा गया है।
पार्ट ए के तहत पहली बार नौकरी पाने वाले कर्मचारियों को फायदा मिलेगा। EPFO में पहली बार पंजीकरण कराने वाले कर्मचारियों को एक महीने का EPF वेतन (अधिकतम 15,000 रुपये) दो किस्तों में दिया जाएगा। छह महीने की नौकरी पूरी होने पर 7,500 रुपये और एक साल पूरा करने पर बाकी 7,500 रुपये मिलेंगे। यह लाभ केवल उन कर्मचारियों को मिलेगा जिनका मासिक वेतन 1 लाख रुपये तक है।

पार्ट बी नियोक्ताओं पर केंद्रित है। इसमें विशेष जोर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर है। इस योजना के तहत नियोक्ताओं को एक लाख रुपये तक वेतन पाने वाले प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी पर सरकार दो साल तक 3,000 रुपये प्रति माह की प्रोत्साहन राशि देगी। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए यह लाभ तीसरे और चौथे साल तक भी जारी रहेगा। हालांकि, इसके लिए नियोक्ता को लगातार कम से कम छह महीने तक अतिरिक्त कर्मचारियों की नियुक्ति करनी होगी। इसमें 50 से कम कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों को कम से कम दो और 50 या उससे अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों को कम से कम पांच अतिरिक्त कर्मचारियों की नियुक्ति करनी होगी।

योजना की अहम बातें
योजना का कुल बजट लगभग 1 लाख करोड़ रुपये है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसे 1 जुलाई 2025 को मंजूरी दी थी।
सरकार का लक्ष्य दो साल में 3.5 करोड़ से ज्यादा नौकरियां सृजित करने का है।
इस योजना की अवधि 1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 तक तय की गई है।