प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पहले चरण का उद्घाटन किया। इस पहले चरण का निर्माण 19 हजार 650 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया गया है। यह भारत की सबसे बड़ी ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा परियोजना है जिसे सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की साझेदारी में विकसित किया गया है।
नवी मुंबई एयरपोर्ट मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के साथ मिलकर काम करेगा ताकि भीड़ कम हो और शहर को ग्लोबल मल्टी एयरपोर्ट सिस्टम की श्रेणी में शामिल किया जा सके। यात्रियों के लिए यह एयरपोर्ट घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों तरह की उड़ानों के लिए तैयार है।
डिसंबर 2025 से यहां विमानों का परिचालन शुरू होने की उम्मीद है और टिकटों की बिक्री अक्टूबर के अंत तक शुरू होने की संभावना है। इंडिगो, अकासा एयर और एयर इंडिया एक्सप्रेस के फ्लाइट यहां से उड़ान भरेंगे।
यह एयरपोर्ट डिजिटल सुविधाओं से लैस है। यात्री अपने वाहन पार्किंग स्लॉट की प्री बुकिंग कर सकते हैं। ऑनलाइन बैगेज ड्रॉप और इमिग्रेशन सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। अडानी एयरपोर्ट्स होल्डिंग्स लिमिटेड के सीईओ अरुण बंसल ने बताया कि यात्रियों को उनके फोन पर संदेश मिलेगा जिसमें उनके बैग का कैरोसेल नंबर बताया जाएगा।
एयरपोर्ट में 3 हजार 700 मीटर लंबा रनवे है जो बड़े कमर्शियल एयरक्राफ्ट को संभाल सकता है। इसके अलावा मॉडर्न पैसेंजर टर्मिनल और एडवांस्ड एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम की सुविधा है। यह हवाई अड्डा जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट से 14 किलोमीटर, महाराष्ट्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन तलोजा इंडस्ट्रियल एरिया से 22 किलोमीटर, मुंबई पोर्ट ट्रस्ट से 35 किलोमीटर, ठाणे से 32 किलोमीटर और भिवंडी से 40 किलोमीटर दूर स्थित है।
