Video- अल्मोड़ा में धर्मशाला के बहाने सियासत – नाराज़गी, वायरल वीडियो और बर्थडे पॉलिटिक्स

अल्मोड़ा: राजनीति में कब, कहाँ और क्या हो जाए, कोई नहीं कह सकता। गिले-शिकवे और मुस्कानें अक्सर एक ही मंच पर दिखाई दे जाती हैं।…

Politics in the name of Dharamshala in Almora – complete drama of resentment, viral video and birthday politics

अल्मोड़ा: राजनीति में कब, कहाँ और क्या हो जाए, कोई नहीं कह सकता। गिले-शिकवे और मुस्कानें अक्सर एक ही मंच पर दिखाई दे जाती हैं। मंगलवार को अल्मोड़ा में मुंशी हरिप्रसादटम्टा धर्मशाला के उद्घाटन कार्यक्रम में ऐसा ही नजारा देखने को मिला, जिसने अचानक सियासी हलचल पैदा कर दी।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आना तय था, लेकिन ऐन वक्त पर उनका दौरा रद्द हो गया। उनकी अनुपस्थिति में सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री अजयटम्टा ने फीता काटकर धर्मशाला का उद्घाटन किया। मंच पर नगर निगम के मेयर अजय वर्मा सहित भाजपा के कई स्थानीय नेता भी मौजूद थे।

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आखिर क्यों तिलमिलाए चौहान?
सब कुछ सामान्य चल रहा था, तभी पूर्व विधायक और विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंहचौहान की नाराजगी अचानक खुलकर सामने आ गई। उन्होंने अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें इस कार्यक्रम में निमंत्रण तक नहीं दिया गया। कार्यक्रम की जानकारी नहीं दिए जाने से वे बेहद गुस्से में नजर आए।


फीता काटने के कुछ देर बाद कार्यक्रम में पहुंचे थे चौहान
मौजूद भारी भीड़ के बीच पूर्व विधायक व पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष चौहान मौजूदा सांसद और केंद्रीय सड़क राज्यमंत्री अजय_टम्टा से काफी नाराज दिखे। उनकी नाराजगी कैमरे में कैद हो गई और देखते ही देखते सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल हो गया। लोगों ने इसे भाजपा की अंदरूनी खींचतान और वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी से जोड़कर खूब चर्चा की, जिससे पार्टी असहज स्थिति में आ गई।


वायरल वीडियो के बाद पार्टी ‘डैमेज कंट्रोल’ की कोशिश
वीडियो वायरल होने से भाजपा नेताओं के चेहरे पर तनाव साफ नजर आया। पार्टी को यह अहसास हो गया कि मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस ‘डैमेज’ को नियंत्रित करने के लिए पार्टी अगले ही दिन हरकत में आ गई।

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बुधवार को आनन-फानन में पूर्व विधायक चौहान का जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया। केक काटा गया, नेताओं ने उन्हें बधाई दी और पूरे माहौल को खुशनुमा बनाने की कोशिश की गई। इसे चौहान की नाराजगी को कम करने और आपसी रिश्ते सुधारने की कवायद माना जा रहा है। हालांकि, यह देखना बाकी है कि चौहान इस ‘बर्थडे पॉलिटिक्स’ से खुश हुए हैं या नहीं।