दिल्ली में हुए धमाके के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सख्त संदेश दिया और साफ कर दिया कि भारत आतंकियों और उनके आकाओं को बख्शेगा नहीं। पीएम मोदी के बयान के बाद पाकिस्तान की हुकूमत में हड़कंप मच गया है। शुरुआती जांच में पता चला कि इस हमले में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों का हाथ हो सकता है और इससे पाकिस्तान में डर की लहर फैल गई है।
इस्लामाबाद में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने तुरंत हाई-लेवल बैठक बुलाई जिसमें राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, आंतरिक मंत्री मोहसिन नक़वी, कानून मंत्री आज़म नज़ीर तारड़ और पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रज़ा गिलानी शामिल हुए। बैठक में भारत की संभावित कार्रवाई और सुरक्षा स्थिति पर चर्चा हुई। पाकिस्तान के कई कैबिनेट मंत्री अब देश को भारत के साथ ‘स्टेट ऑफ वॉर’ की स्थिति में बता रहे हैं। हेल्थ मिनिस्टर सैयद मुस्तफ़ा कमाल ने कहा कि सीमा पर हालात बिगड़ सकते हैं और देश न भारत से न अफगानिस्तान से युद्ध लड़ने की स्थिति में नहीं है। रक्षा मंत्री ने स्पष्ट कहा कि सेना के पास संसाधन कम हैं और भारत से मुकाबला करना आत्मघाती कदम होगा। यह बयान पाकिस्तान की कमजोर स्थिति को उजागर करता है।
भारत में प्रधानमंत्री मोदी ने कैबिनेट की सुरक्षा बैठक के बाद धमाके को जघन्य आतंकी कृत्य बताया और कहा कि इसमें शामिल आतंकियों और उनके पाकिस्तानी आकाओं को जल्दी न्याय के कठघरे में लाया जाएगा। मोदी सरकार ने दोहराया कि भारत की जीरो टॉलरेंस नीति केवल बयान नहीं बल्कि कार्रवाई की रणनीति है। पीएम मोदी के बयान के बाद पाकिस्तान में भय का माहौल है। पाक मीडिया में चर्चा है कि भारत किसी भी वक्त सर्जिकल स्ट्राइक या एयर स्ट्राइक कर सकता है। मोदी पहले भी सीमापार तीन बार सर्जिकल स्ट्राइक कर चुके हैं और इस बार भी बदले की कार्रवाई की संभावना बनी हुई है।
