लाल किले से पीएम मोदी की अपील, जैसे पहले लिखा जाता था शुद्ध घी मिलता है वैसे ही अब शुद्धता का भरोसा लौटाएं

देश आज आजादी का उनहत्तरवां पर्व मना रहा है और इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित…

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देश आज आजादी का उनहत्तरवां पर्व मना रहा है और इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित किया। यह बारहवीं बार था जब उन्होंने स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि यह दिन एक सौ चालीस करोड़ संकल्पों का महापर्व है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें किसी की भी लकीर छोटी करने की कोशिश में अपनी ऊर्जा बर्बाद नहीं करनी है बल्कि अपनी लकीर को बड़ा करने के लिए मेहनत करनी है। उन्होंने दुकानों पर लिखे जाने वाले शुद्ध देशी घी के उदाहरण का जिक्र करते हुए कहा कि हम जो भी करें वह पूरी शुद्धता के साथ हो। उन्होंने व्यापारियों से अपील की कि इस तरह की परंपराओं को फिर से अपनाया जाए। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें आर्थिक रूप से मजबूत और आत्मनिर्भर बनना होगा। उन्होंने कहा कि अगर हम सही रास्ता चुन लेंगे तो कोई भी स्वार्थ हमें अपने चंगुल में नहीं फंसा पाएगा।

पीएम मोदी ने कहा कि बीता दशक सुधार प्रदर्शन और बदलाव का रहा है लेकिन अब हमें और ज्यादा ताकत के साथ आगे बढ़ना है। उन्होंने बताया कि देश को विकसित बनाने के लिए अब समुद्र के भीतर तेल और गैस के भंडार तलाशने की दिशा में मिशन मोड में काम किया जाएगा। उन्होंने युवा वैज्ञानिकों प्रतिभाशाली युवाओं इंजीनियरों पेशेवरों और सरकारी विभागों से अपील की कि भारत के पास अपने खुद के मेड इन इंडिया लड़ाकू विमानों के लिए जेट इंजन होने चाहिए।

प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से ऑपरेशन सिंदूर में शामिल वीर जवानों को सलाम भी किया। उन्होंने कहा कि हमारे सैनिकों ने दुश्मनों को उनकी कल्पना से भी परे सजा दी है। उन्होंने याद दिलाया कि बाईस अप्रैल को पहलगाम में सीमापार से आए आतंकियों ने धर्म पूछकर लोगों की हत्या कर दी थी। निर्दोषों को गोलियों से भून दिया गया था। इस निर्मम वारदात से पूरा देश गुस्से में था और ऑपरेशन सिंदूर उसी आक्रोश का जवाब था। हमारी सेना ने दुश्मन की जमीन पर जाकर आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया और ऐसा कारनामा कर दिखाया जो दशकों से नहीं हुआ था।