प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तकनीकी आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देते हुए भारतीयों से कहा है कि वे वैश्विक तकनीकी दिग्गजों के बजाय स्वदेशी डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करें। उन्होंने स्वदेशी तकनीक के महत्व पर जोर देते हुए देश के डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए भारतीय नवाचार का समर्थन करने की आवश्यकता बताई। यह अपील ऐसे समय में आई है जब अमेरिका ने भारत पर भारी टैरिफ लगाए हैं और H1-B वीज़ा शुल्क बढ़ाकर $100,000 कर दिया है।
मोदी ने कहा कि कई वैश्विक प्लेटफ़ॉर्म के भारतीय विकल्प उपलब्ध हैं। गूगल मैप्स के लिए मैपमाईइंडिया का मैपल्स सटीक नेविगेशन और रीयल-टाइम ट्रैफ़िक अपडेट देता है। व्हाट्सएप के विकल्प के रूप में ज़ोहो कॉर्पोरेशन का अराटाई सुरक्षित मैसेजिंग, ग्रुप चैट और मल्टीमीडिया शेयरिंग प्रदान करता है। माइक्रोसॉफ्ट वर्ड और गूगल डॉक्स के लिए ज़ोहो राइटर पेशेवरों और व्यवसायों के लिए सहयोगी संपादन और उन्नत फ़ॉर्मेटिंग का विकल्प है। माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल का भारतीय विकल्प ज़ोहो शीट है जो डेटा विश्लेषण, चार्टिंग और रीयल-टाइम सहयोग की सुविधा देता है।
प्रस्तुतियों के लिए ज़ोहो शो, माइक्रोसॉफ्ट पावरपॉइंट का विकल्प बनकर उभर रहा है। ईमेल के लिए ज़ोहो मेल जीमेल का भारतीय विकल्प है जो डेटा गोपनीयता को प्राथमिकता देता है। डिजिटल हस्ताक्षर के लिए ज़ोहो साइन एडोब साइन का सुरक्षित विकल्प प्रदान करता है। ई-कॉमर्स में अमेज़न के स्थान पर फ्लिपकार्ट स्थानीय विक्रेताओं का समर्थन करता है और उपयोगकर्ता-अनुकूल खरीदारी अनुभव देता है। प्रधानमंत्री मोदी ने सभी से स्वदेशी प्लेटफ़ॉर्म को अपनाकर तकनीकी आत्मनिर्भरता में योगदान देने का आह्वान किया।
