गूगल जैमिनी पर प्रॉम्प्ट के जरिये बनाए फोटो सोशल मीडिया पर कर रहे ट्रेंड, इनसे हो सकता है खतरा

सोशल मीडिया पर इन दिनों नैनो बनाना एआई प्रॉम्प्ट से तैयार की गई तस्वीरों का चलन तेजी से बढ़ रहा है। लोग अपनी फोटो एडिट…

IMG 20250918 144220

सोशल मीडिया पर इन दिनों नैनो बनाना एआई प्रॉम्प्ट से तैयार की गई तस्वीरों का चलन तेजी से बढ़ रहा है। लोग अपनी फोटो एडिट कर फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर लगातार शेयर कर रहे हैं। यह ट्रेंड भले ही लोगों को आकर्षित कर रहा हो लेकिन इसके खतरे भी उतने ही बड़े हैं। दरअसल इन तस्वीरों से एआई को लोगों के चेहरे का ताजा डाटा मिल रहा है और यही डाटा साइबर अपराधियों के हाथ में पहुंचकर गलत इस्तेमाल का जरिया बन सकता है। हाल ही में उदयपुर में एक महिला की फोटो चुराकर उसे अश्लील वीडियो में बदलने का मामला सामने आया था जिससे इस तरह की आशंकाएं और बढ़ गई हैं।

साइबर विशेषज्ञ मानते हैं कि इस तरह अपलोड की गई तस्वीरों का उपयोग ठगी सहित कई अपराधों में किया जा सकता है। उनका कहना है कि लोग ट्रेंड को फॉलो करने के चक्कर में यह तक नहीं सोचते कि आगे चलकर इसका अंजाम कितना खतरनाक हो सकता है। चेहरे की तस्वीर से फर्जी आईडी बनाई जा सकती है। तस्वीरों को एडिट कर गलत कंटेंट तैयार किया जा सकता है। यहां तक कि परिवार वालों को धोखा देने में भी इसका इस्तेमाल संभव है।

सीओ साइबर सुमित पांडे का कहना है कि आज की युवा पीढ़ी बिना सोचे समझे इंटरनेट पर नए ट्रेंड को अपनाने लगती है। फिलहाल भले ही तस्वीरें आकर्षक लग रही हों लेकिन भविष्य में यही तस्वीरें मुसीबत का कारण बन सकती हैं। उन्होंने कहा कि मोबाइल और इंटरनेट ने लोगों की दिनचर्या पूरी तरह बदल दी है। जैसे ही कोई नया ट्रेंड शुरू होता है लोग बिना देर किए उसमें शामिल हो जाते हैं लेकिन यह नहीं सोचते कि उसके दूरगामी नतीजे क्या होंगे। गूगल जैमिनी और गिबली जैसी ऐप्स में भी फोटो बनाने की होड़ पहले देखने को मिली थी और अब नैनो बनाना एआई की तस्वीरें उसी तरह लोगों को खींच रही हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि असली खतरा इस बात से है कि हम खुद ही अपनी तस्वीरें एआई को देकर अपना फेशियल डाटा उपलब्ध करा रहे हैं। यह डाटा भविष्य में किस तरह इस्तेमाल होगा इसकी गारंटी कोई नहीं दे सकता। आकर्षण के बीच निजता का खतरा लगातार बढ़ रहा है और लोगों को इस बारे में सतर्क रहने की सख्त जरूरत है।