कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के दौरान बस्तर का एक परिवार मौत के इतने करीब से वापस लौट आया कि आज भी उसे मंजर को याद करके उनके रोंगटे खड़े हो जाते हैं और मन में दहशत आ जाती है।
हमले के वक्त जब आतंकवादी ने बंदूक उठाई और धर्म पूछा तो कैलाश सेठिया ने घबरा का तीन बार अल्लाह अल्लाह कह दिया और उसी पल ऊपर वाले ने उनकी जान बचा ली।
आतंकवादी ने ठीक बगल में खड़े पर्यटक की कनपटी पर गोली मार दी और आगे बढ़ गया। इस खौफनाक मंजर में जहां आसपास के 6 लोगों की मौत हुई। वहीं बांसकोट (केशकाल) निवासी कैलाश सेठिया अपनी पत्नी और दो मासूम बच्चों के साथ किसी तरह वहां से सुरक्षित निकलने में सफल रहे।
कैलाश सेठिया जो इन दोनों मध्य प्रदेश के सिंगरौली में एक निजी कंपनी में काम कर रहे हैं। अपने रिश्तेदारों के साथ कश्मीर घूमने गए थे माता वैष्णो देवी के दर्शन करने के बाद बाकी रिश्तेदार लौट गए लेकिन कैलाश अपने परिवार के साथ कश्मीर घूमने चले गए।
पहलगाम पहुंचने पर टैक्सी एक्सीडेंट से वह मिनी स्विट्ज़रलैंड कहे जाने वाले बैसरन घाटी के एक रिसॉर्ट गए। वहां का नजारा देख ही रहे थे कि अचानक सेना की वर्दी में एक युवक हाथ में बंदूक लेकर आया और पुरुष सैलानियों से उनका धर्म पूछने लगा।
कैलाश के मुताबिक, जब बंदूक उनके सीने पर रखकर पूछा गया ‘हिंदू हो या मुस्लिम?’, तो उन्होंने घबराकर ‘अल्लाह-अल्लाह-अल्लाह’ कहा, तभी आतंकी ने बाजू में खड़े एक सैलानी के कनपटी में गोली मार दिया और आगे निकल गया।
परिवार का कहना है कि आतंकवादी ने जिस शख्स पर गोली चलाई वह लेफ्टिनेंट विनय नरवाल हो सकते हैं।
इसके बाद पांच सैलानियों पर भी फायरिंग की गई इस बीच कैलाश जमीन पर लाकर जबकि उनकी पत्नी और बच्चे सब कुछ देखते रहे। गोली चलाने वाला आतंकवादी जब दूर चला गया तो वह अपने परिवार और बच्चों को लेकर वहां से करीब 3 किलोमीटर की दूरी में टैक्सी स्टैंड पर पहुंचे।
देश-दुनिया के हर चैनल और सोशल मीडिया में वायरल होने लगी और दूसरी तरफ कैलाश व उनके परिवार का रिश्तेदारों से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा था, जिससे परिवार किसी अनहोनी की आशंका को लेकर परेशान होते रहे। इस बीच गुरुवार को छोटे भाई के मोबाइल में फोन आया और परिवार के सुरक्षित होने की जानकारी मिली, तब जाकर सभी ने राहत की सांस ली।
मंगलवार दोपहर करीब 3 बजे जम्मू-कश्मीर के पर्यटन स्थल पहलगाम में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब आतंकियों ने पर्यटकों के एक ग्रुप पर अचानक अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। यह हमला उस समय हुआ, जब कई पर्यटक घुड़सवारी का आनंद ले रहे थे।
आतंकवादियों ने घोड़ों पर सवार पर्यटकों को निशाना बनाते हुए करीब 3 से 5 मिनट तक गोलियां बरसाईं. हमलावर चार की संख्या में थे। उनके पास AK-47 समेत अन्य अत्याधुनिक हथियार थे। पर्यटकों का धर्म पूछकर आतंकवादियों ने उन्हें गोली मारी। इस आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए।
