हर दसवां भारतीय किडनी की बीमारी से जूझ रहा, लैंसेट की रिपोर्ट ने खोला देश की साइलेंट हेल्थ क्राइसिस का सच

भारत अब एक खामोश स्वास्थ्य संकट की ओर बढ़ रहा है। लैंसेट में छपी एक नई रिपोर्ट ने बड़ा खुलासा किया है, देश में करीब…

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भारत अब एक खामोश स्वास्थ्य संकट की ओर बढ़ रहा है। लैंसेट में छपी एक नई रिपोर्ट ने बड़ा खुलासा किया है, देश में करीब 138 मिलियन लोग किडनी की बीमारी यानी क्रॉनिक किडनी डिजीज से जूझ रहे हैं। यह संख्या चीन के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा है।

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में किडनी की बीमारी इसलिए तेजी से फैल रही है क्योंकि यहां डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और मोटापे से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़ रही है। ये तीनों बीमारियां धीरे-धीरे किडनी को नुकसान पहुंचाती हैं। इसके अलावा, कम फल और सब्जियां खाना, ज्यादा नमक और प्रोसेस्ड फूड का सेवन करना भी इस बीमारी का खतरा कई गुना बढ़ा देता है। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत जैसे देशों में लोग जांच कराने में देर करते हैं, जिससे बीमारी का पता आखिरी स्टेज में चलता है जब किडनी फेल होने का खतरा बढ़ जाता है।

यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन के इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन के रिसर्चर्स ने 1990 से 2023 तक 204 देशों का डेटा जांचा। रिपोर्ट में बताया गया कि किडनी डिजीज अब दुनिया में मौत का नौवां सबसे बड़ा कारण बन चुकी है। सिर्फ 2023 में ही करीब 15 लाख लोगों की जान इस बीमारी से गई। सबसे ज्यादा मरीज चीन और भारत में मिले। आईएचएमई के प्रोफेसर थियो वोस ने कहा कि किडनी डिजीज अब एक साइलेंट महामारी बन चुकी है, क्योंकि यह बिना लक्षणों के शरीर को लगातार नुकसान पहुंचाती रहती है।

रिपोर्ट के अनुसार, किडनी की बीमारी का दिल की बीमारियों से गहरा संबंध है। 2023 में करीब 12 प्रतिशत हार्ट डिजीज से होने वाली मौतों के पीछे किडनी डिजीज को जिम्मेदार पाया गया। यानी अगर किडनी कमजोर है तो दिल पर भी असर पड़ता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीयों की डाइट भी किडनी को नुकसान पहुंचा रही है। लोग कम फल सब्जियां खाते हैं, और ज्यादा नमक तले और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ खाते हैं, जो किडनी के लिए खतरनाक हैं। रिसर्चर्स का कहना है कि अगर लोग हेल्दी डाइट अपनाएं, नियमित जांच कराएं और पर्याप्त पानी पिएं, तो किडनी को लंबे समय तक स्वस्थ रखा जा सकता है।

एक्सपर्ट मानते हैं कि अगर बीमारी का समय पर पता चल जाए, तो इसे नियंत्रित किया जा सकता है। साल में एक बार ब्लड और यूरिन की जांच जरूर करानी चाहिए, नमक और चीनी का सेवन कम रखना चाहिए, ब्लड प्रेशर और शुगर पर नजर रखनी चाहिए, धूम्रपान और शराब से दूरी बनाना जरूरी है।

भारत में किडनी डिजीज तेजी से फैल रही है, और यह अब राष्ट्रीय स्वास्थ्य संकट बन चुकी है। सरकार और आम जनता दोनों को इस दिशा में गंभीर कदम उठाने की जरूरत है, किडनी की सेहत अब सिर्फ डॉक्टर की नहीं बल्कि हर भारतीय की जिम्मेदारी बन चुकी है।