दीपावली के जश्न के बीच प्रदेश के साइबर योद्धा चौकन्ने रहे। जब पूरा उत्तराखंड रोशनी और खुशियों में डूबा था, तब सूचना प्रौद्योगिकी विकास प्राधिकरण यानी आइटीडीए की टीम चाइनीज हैकरों के साइबर हमलों को रोकने में जुटी रही। दीपावली की रात हैकरों ने स्टेट डाटा सेंटर पर लगभग 2 लाख 35 हजार साइबर हमले किए। यह संख्या ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हुए करीब दो लाख हमलों से भी अधिक थी।
इन हमलों को रोकने में साइबर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी) ने बड़ी भूमिका निभाई। लगातार सक्रियता और निगरानी की वजह से सभी सरकारी डाटा और वेबसाइट पूरी तरह सुरक्षित रहीं। अधिकारियों के मुताबिक, अगर सीईआरटी की टीम अलर्ट न होती तो स्थिति गंभीर हो सकती थी।
गौरतलब है कि पिछले साल 2 अक्टूबर को भी स्टेट डाटा सेंटर पर बड़ा साइबर हमला हुआ था, जिसमें प्रदेश की कई विभागीय वेबसाइट प्रभावित हुई थीं। उस समय कई ऑनलाइन सेवाएं ठप पड़ गई थीं और व्यवस्था को पूरी तरह सामान्य करने में तीन महीने से ज्यादा का वक्त लगा था।
ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए आइटीडीए ने अब “हनीपॉट” नाम का एक नकली डाटा सेंटर तैयार किया है। यह एक ऐसा सिस्टम है जो असली डाटा सेंटर जैसा दिखता है और हैकर इसे निशाना बनाते हैं। जैसे ही हमला शुरू होता है, विशेषज्ञों को तुरंत अलर्ट मिल जाता है, जिससे असली डाटा सुरक्षित रहता है।
आइटीडीए के निदेशक आलोक कुमार पांडेय ने बताया कि प्रदेश में रोजाना साइबर हमले होते रहते हैं, लेकिन दीपावली के दिन इनकी संख्या असामान्य रूप से बढ़ गई थी। हालांकि, सीईआरटी टीम की तत्परता और आधुनिक तकनीक की मदद से सभी हमले नाकाम कर दिए गए।
