मोदी के 75वें जन्मदिन पर छात्रों ने 70 किलो चॉकलेट से बनाई अनोखी मूर्ति

भुवनेश्वर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन को यादगार बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। पीएम मोदी इस साल 17 सितंबर को 75 साल…

भुवनेश्वर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन को यादगार बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। पीएम मोदी इस साल 17 सितंबर को 75 साल के हो जाएंगे और उनके सम्मान में छात्रों ने एक अनोखी पहल की है। भुवनेश्वर क्लब चॉकलेट यानी द स्कूल ऑफ बेकिंग एंड पेस्ट्री आर्ट्स के छात्रों ने करीब 70 किलो चॉकलेट से मोदी की मूर्ति तैयार की है। उनका कहना है कि देश में पहली बार इस तरह की चॉकलेट मूर्ति बनाई गई है और इसे प्रधानमंत्री तक भेजने की योजना बनाई जा रही है।

यह मूर्ति एक पेड़ के रूप में तैयार की गई है। पेड़ की शाखाओं पर मोदी सरकार की बड़ी योजनाओं और अभियानों को उकेरा गया है। इसमें ऑपरेशन सिंदूर, स्वच्छ भारत मिशन, उज्ज्वला योजना, जन धन योजना और डिजिटल इंडिया जैसी उपलब्धियों का जिक्र है। इस खास मूर्ति को दो तरह की चॉकलेट से तैयार किया गया है। इसमें 55 किलो डार्क और 15 किलो व्हाइट चॉकलेट का इस्तेमाल किया गया है। पेस्ट्री आर्ट्स स्कूल के 15 छात्रों ने लगातार सात दिन मेहनत कर इसे पूरा किया। इसे बनाने के लिए खास तापमान का ध्यान रखा गया ताकि चॉकलेट पिघले नहीं।

प्रशिक्षक राकेश कुमार साहू ने बताया कि इस मूर्ति का थीम विश्व नेता नरेंद्र मोदी रखा गया है। इसमें उनके नेतृत्व में हुई प्रगति और योजनाओं की झलक दिखाई गई है। उनका कहना है कि चॉकलेट से इस तरह की मूर्ति पहले कभी नहीं बनाई गई। अब तक लोग सैंड आर्ट या प्लास्टर ऑफ पेरिस से मूर्तियां बनाते रहे हैं लेकिन चॉकलेट से मूर्ति बनाना भारत में पहली बार हुआ है।

शेफ रंजन कुमार परिदा ने कहा कि शुरुआत में उन्हें भरोसा नहीं था कि काम सफल होगा लेकिन मेहनत और लगन से आखिरकार यह कलाकृति तैयार हो गई। सात लोगों की टीम ने पंद्रह दिन तक कड़ी मेहनत कर इसे पूरा किया और अब उम्मीद है कि यह प्रधानमंत्री तक पहुंचेगी।

इस मूर्ति को बनाने वाले छात्रों का कहना है कि इसका मकसद सिर्फ प्रधानमंत्री को समर्पित करना ही नहीं बल्कि इस कला को बढ़ावा देना भी है। उनका कहना है कि लोग चॉकलेट को सिर्फ खाने की चीज मानते हैं लेकिन इससे बेहतरीन कलाकृतियां भी तैयार की जा सकती हैं। इसी संदेश को फैलाने के लिए इसे प्रधानमंत्री तक पहुंचाने की कोशिश की जाएगी ताकि सरकार भी इस कला को बढ़ावा दे।